उज्जैन भारत एवं नवजागरण पर केंद्रित विक्रमोत्सव का शुभारंभ 25 मार्च को राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल करेगे शुभारम्भ समापन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि होगे नो दिवसीय आयोजन में मनोज मुंतशिर कैलाश खेर भी आएंगे उज्जैन महानाटय विक्रमादित्य सांगीतिक प्रस्तुतियां व कवि सम्मेलन होगे।यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव जी ने पत्रकार वार्ता में मिडिया को जानकारी दी

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उज्जैन, 13 मार्च। भारत उत्कर्ष एवं नवजागरण को लेकर प्रति वर्ष आयोजित विक्रमोत्सव इस वर्ष 25 मार्च से 2 अप्रैल के बीच होगा मध्य प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री मगुभाई पटेल कालिदास अकादमी में सांस्कृतिक, साहित्यिक और रंगमंच से परिपूर्ण इस आयोजन का शुभारंभ करेंगे। समापन में लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि होंगे। नौ दिवसीय कार्यक्रम में विख्यात गीतकार और राष्ट्रवादी कवि मनोज मुंतशिर, गायक कैलाश खेर भी प्रस्तुति देंगे। भारतवर्ष की गौरव गाथा और सम्राट विक्रमादित्य के उज्जवल योगदान को रेखांकित करने के उद्देश्य से हो रहे इस आयोजन में अलग-अलग प्रदेशों की नाटक प्रस्तुतिया सांगीतिक प्रस्तुति कवि सम्मेलन व अन्य कार्यक्रम भी होंगे।
25 मार्च को शाम 7:00 बजे पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल, कालिदास अकादमी में राज्यपाल श्री गुहाई पटेल विक्रमोत्सव का शुभारम्भ करेंगे। समारोह की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन और अध्यात्म विभाग की मंत्री उषा ठाकुर करेंगी और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव विशेष अतिथि होंगे। इस आयोजन के समापन समारोह में 2 अप्रैल गुडी पडवा प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि होंगे। गुड़ी पड़वा पर उज्जैन का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री और विक्रमोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ मोहन यादव ने बताया कि शुभारम्भ समारोह से पूर्व दोपहर 2:00 बजे कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीडीसी) से कलश यात्रा प्रारंभ होगी। नव उ की पूर्व संध्या पर 1 अप्रैल को प्रसिद्ध गीतकार एवं राष्ट्रवादी कवि मनोज मुंतशिर ‘मुंतशिरनामा’ में प्रस्तुति देंगे। 2 अप्रैल को शाम 7:00 बजे शिप्रा नदी तट पर प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर मधुर स्वर लहरी संगीत की प्रस्तुति देंगे। इस कार्यक्रम में विक्रम पंचांग का लोकार्पण भी होगा।
उन्होंने बताया कि इसके पूर्व 31 मार्च को शहीद पार्क पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमे वेदव्रत वाजपेयी (लखनऊ), कविता तिवारी (लखनऊ), अनिल अग्रवाल (नई दिल्ली), रश्मि शाक्य (गाजीपुर), दीपक पारिख (भीलवाड़ा), गौरव चौहान (इटावा), अशोक भाटी (उज्जैन) कवितापाठ करेंगे दिनेश दिग्गज’ कवि सम्मलेन के सूत्रधार होगे। 28, 29 एवं 30 मार्च को सामाजिक न्याय परिसर, आगर रोड में महानाट्य जाणता राजा की तर्ज पर रचित महानाट्य ‘विक्रमादित्या का मंचन भव्य स्वरूप में होगा। विक्रमादित्य की शौर्य गाथा पर चार प्रदर्शनी
डॉ यादव ने बताया कि सम्राट विक्रमादित्य की शौर्य गाथा से आमजन से परिचित कराने के उद्देश्य से चार अलग-अलग प्रदर्शनियां लगाई जाएगी। विक्रमादित्य शोधपीठ, उज्जैन द्वारा सम्राट विक्रमादित्य के कृतित्व और व्यक्तित्व पर केन्द्रित ‘विक्रमादित्य’, एवम ‘विक्रमादित्य के नवरत्न’, अश्विनी शोध संस्थान द्वारा विक्रम कालीन मुद्रा एवं मुद्रांक प्रदर्शनी, भंडारकर ओरिएण्टल इंस्टिट्यूट पुणे द्वारा ‘प्राच्य विद्या ग्रन्थ प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। यह प्रदर्शनी 21 मार्च से 2 अप्रैल के बीच कालिदास अकादमी के पंडित सूर्यनारायण सूर्यनारायण व्यास कला संकुल में सुबह 10 बजे से शाम 5 के बीच खुली रहेंगी।

सम्राट विक्रमादित्य पर अलग-अलग राज्यों की नाट्य प्रस्तुतियां

उन्होंने बताया कि इस आयोजन के विभिन्न दिवसों में सम्राट विक्रमादित्य के गौरवशाली इतिहास पर भारतवर्ष के अलग-अलग राज्यों में प्रचलित कथाओं और नाटकों की प्रस्तुति भी होगी। 25 मार्च को कर्नाटक की यक्षगान शैली में ‘विक्रमार्क कथा, 26 मार्च को नाट्य बैले शैली में ‘सिहासन बत्तीसी 27 मार्च को गुजरात भवाई लोकनाट्य परंपरा में ‘अबोला रानी नो वेश, 28 मार्च को संस्कृत नाट्य परंपरा में ‘पद्मांक गाथा’, 29 मार्च को मराठी रंगमच तमाशा शैली ‘सिहासन बत्तीसी’, 30 मार्च को दास्तानगोई की पढ़त शैली में ‘वीर वर विक्रम और 31 मार्च को मणिपुरी लोक नाट्य परंपरा में महाराजा विक्रमादित्य की आकर्षक प्रस्तुति होगी।

छः स्थानों पर एक साथ संयोजित होंगे कार्यक्रम

इस अवसर पर हिंदी, अंग्रेजी, मराठी में प्रकाशित ‘विक्रम स्मृति ग्रंथ, डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित की पुस्तक संवत प्रवर्तक विक्रमादित्य’, डॉ जगन्नाथ दुबे की पुस्तक ‘मालवा की जनपद की मुद्राएं, डॉ घनश्याम पांडे के ऐतिहासिक उपन्यास ‘विश्व के प्रथम ज्ञात गणितज्ञ महात्मा लगध का विमोचन भी होगा। कार्यक्रम कालिदास अकादमी के अतिरिक्त विक्रमादित्य शोधपीठ बिडला भवन, सामाजिक न्याय परिसर, शहीद पार्क, शिप्रा तट और गुमानदेव हनुमान मंदिर छः स्थानों पर एक साथ संयोजित किए जाएँगे।

विक्रमोत्सव में पारंपरिक रूप से सूर्य उपासना एवं वेद अंताक्षरी के कार्यक्रम भी होंगे। इसके अलावा प्रतिवण होली, रंगपंचमी, गुड़ी पड़वा पर्व पर परंपरागत रूप से निकलने वाली गैर-यात्रा विक्रमादित्य और उनके नवरत्नों पर केंद्रित होगी। 2 अप्रैल को गुड़ी पड़वा के अवसर पर प्रातः 5:30 बजे तक दत अखाड़ा क्षिप्रा नंदी तट पर सूर्य उपासना कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर भारत विक्रम यू ट्यूब चैनल भी प्रारंभ होगा।

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