*सरकार की योजनाओं का लाभ गांव के जरूरतमंदों को शत प्रतिशत दिलवाए -श्री शिम्पी, परिषद की सेक्टर बैठक के दौरान विदाई समारोह में श्री व्यास ने सभी का आभार माना*
उज्जैन 29 सितम्बर। जन्म से लेकर मृत्यु तक के योजनाएं सरकार ने लागू कर रखी है । प्रदेश एवं केंद्र सरकार की घोषित हजारों योजनाओं का क्रियान्वयन अगर गांव के शत-प्रतिशत जरूरतमंद लोगों तक हो जाए तो समग्र ग्राम विकास की अवधारणा को स्वतः प्राप्त किया जा सकता है।
यह बात मप्र जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री सचिन शिंपी ने विकासखंड बड़नगर के ग्राम उटवास में आयोजित सेक्टर बैठक के दौरान उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कही । उन्होंने कहा कि मप्र जनअभियान परिषद ग्रामीण जन के साथ मिलकर गांव की समस्याओं का समाधान करता है । प्रत्येक समस्या का समाधान गांव में ही मौजूद है किसी पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ दृढ़ इच्छाशक्ति वह लगन की कमी के चलते हम दूसरों पर निर्भर रहते हैं । इस दौरान सरकारी सोसाइटी के श्री ओम प्रकाश रावल ने कहा कि परिषद सभी के साथ समन्वय स्थापित कर ग्राम विकास की दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। आज सेक्टर बैठक के साथ-साथ पूर्व विकासखंड समन्वयक श्री अरुण व्यास का विदाई समारोह भी है मैं उन्हें अगले विकासखंड में जाने कीई शुभकामनाएं देता हूं और जिस तरह से लगन के साथ उन्होंने बड़नगर विकासखंड में कार्य किया है वैसा ही कार्य वह अपने नए स्थान पर भी खड़ा करें यह अपेक्षा करता हूं
श्री व्यास ने अपने विदाई समारोह में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आपने पूरे समय अच्छा सहयोग प्रदान किया उसका मैं आभारी हूं । अब मेरे स्थान पर बड़नगर विकासखंड समन्वयक का कार्य श्रीमती रेणुका श्रोत्रिय देखेंगे उनके साथ भी ऐसे ही सहयोग की अपेक्षा करता हूं ।कार्यक्रम का संचालन ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति उटवास के श्री यतीन्द्र शर्मा ने किया एवं अतिथियों का स्वागत इंदर सिंह भाटी, सोहन सिंह, मुकेश शर्मा, संध्या शर्मा, प्रवीण पांडेय, राजेंद्र राठौर, वीरेंद्र सिंह, जगदीश परमार पवन त्रिवेदी आदि ने किया । आभार श्री मुकेश शर्मा ने व्यक्त किया । कार्यक्रम के दौरान ग्राम हत्याखेड़ी कुलावदा व आसपास के ग्रामीण जन के साथ ग्राम उटवास के गणमान्य नागरिक एवं प्रस्फुटन समिति सदस्यगण विशेष रुप से उपस्थित रहे।कार्यक्रम पश्चात पंडित राम रतन जी की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में सभी ने पीपल का पौधा भी रोपा।