उज्जैन शुक्रवार दिनांक 28 फरवरी को बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान छत्तीसगढ केद्वाराआयोजित दीक्षांत समारोह दिनांक 1 मार्च को स्थान मनीतीर्थ मंगलनाथ रोड पर छंद शिक्षा महालय नाम से जाना जाता है छंद साहित्य के अभ्यास पटल हे।इसकी स्थापना सन् 2019 में की गई थी बिलासा छंद महालय में प्रतिवर्ष 70 छंद पटल गुरु होते हैं ।जो पुर्व की सत्रों से पूर्णतः प्रशिक्षित होते हैं।इस संस्था का उद्देश्य भारतीय पूरातन छंदो का संग्रहण एवं नवीन प्रसारित छंदो का प्रकाशन एवं उसकी वृद्धधि करना है।. छंद शिक्षा सत्र 2025 में सप्त व्हाट्स ऐप ग्रुप छंद साहित्य के अभ्यास पटल हैं। इस संस्थान द्वारा कई विश्व स्तरीय छंद ग्रंथों का निर्माण किया जा चुका है। छंदावली, वर्णावली, सुकृत, प्रसाद, अनुग्रह, विराट आदि। अभी तक 100000 नवीन प्रस्तावित किया जा चुके हैं। हमारा उद्देश्य हर कलम छंद बद्ध हो हमारी पुरातन छंद परंपरा को पुनर्स्थापित करना राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रतिष्ठित करना। प्रतिवर्ष विभिन्न राज्यों में दीक्षांत समारोह आयोजित करना हे। उज्जैन शुक्रवार दिनांक 28 फरवरी को बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान छत्तीसगढ केद्वाराआयोजित दीक्षांत दिनांक 1 मार्च को स्थान मनीतीर्थ मंगलनाथ रोड पर छंद शिक्षा महालय नाम से जाना जाता है छंद साहित्य के अभ्यास पटल हे।इसकी स्थापना सन् 2019 में की गई थी बिलासा छंद महालय में प्रतिवर्ष 70 छंद पटल गुरु होते हैं ।जो पुर्व की सत्रों से पूर्णतः प्रशिक्षित होते हैं।इस संस्था का उद्देश्य भारतीय पूरातन छंदो का संग्रहण एवं नवीन प्रसारित छंदो का प्रकाशन एवं उसकी वृद्धधि करना है।. छंद शिक्षा सत्र 2025 में सप्त व्हाट्स ऐप ग्रुप छंद साहित्य के अभ्यास पटल हैं। इस संस्थान द्वारा कई विश्व स्तरीय छंद ग्रंथों का निर्माण किया जा चुका है। छंदावली, वर्णावली, सुकृत, प्रसाद, अनुग्रह, विराट आदि। अभी तक 100000 नवीन प्रस्तावित किया जा चुके हैं। हमारा उद्देश्य हर कलम छंद बद्ध हो हमारी पुरातन छंद परंपरा को पुनर्स्थापित करना राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रतिष्ठित करना। प्रतिवर्ष विभिन्न राज्यों में दीक्षांत समारोह आयोजित करना हे। पत्रकार वार्ता में उपस्थित डॉ माधुरी उडसेना मुदिता डॉ निर्मला शर्मा डॉ सुषमा शर्मा श्रुति डॉ अनुराधा पारे अवि रश्मि भोयदे रागिनी आदि की उपस्थित रहे
2025-02-28