उज्जैन वैदिक सनातन परंपरा पर केंद्रित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी को संसद भवन में लगाएं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत सरकार से यह अनुरोध किया। वे बुधवार को शिव भक्ति भजन गायक हंसराज रघुवंशी द्वारा रंगारंग शिव भक्तों की प्रस्तुति कार्यक्रम में दशहरा मैदान पर विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2025 के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उनके साथ केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत भी मौजूद थे। इस अवसर पर पर सभी प्रमुख 51 महाशिवरात्रि मेलों का शुभारंभ, उज्जयिनी विक्रम व्यापार मेला, सिंहस्थ 2028 की अवधारणा का लोकार्पण किया गया। इसके पहले समारोह की रूपरेखा महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताई।इस कार्यक्रम में जिम्बाब्वे के मंत्री राज मोदी भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मैं उज्जैन पहली बार आया हूं। यहां आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। उन्होंने विक्रमोत्सव के सफलतापूर्वक संपन्न होने के लिए शुभकामनाएं दी।हर शासक की इच्छा विक्रमादित्य बनने की रही है – डॉ. यादवसिंहस्थ की अवधारणा का लोकार्पण करते मुख्यमंत्री डॉ. यादव व अन्य। विक्रमादित्य इस देश के लोकमान्य नायक- शेखावत केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि महाकाल की पवित्र भूमि उज्जैन अनादिकाल से आध्यात्म और सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र रही है। आज विक्रमोत्सव के इस अवसर पर यहां आकर मैं बहुत अभिभूत हूं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शासकीय कैलेंडर में में विक्रम संवत् को यह अंगीकार किया है। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश भारत का पहला राज्य है। अन्य राज्यों को भी इससे प्रेरणा लेना चाहिए।
2025-02-27