निर्धारित अवधि में निर्वाचन न होने पर 1 अक्टूबर 2021 से सहकारिता विभाग का अधिकारी बैक का चार्ज ले लेगा आजादी के पुर्व 1936 की परस्पर सहकारी मर्यादित पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव का दबाव सहकारिता मंत्री का कहना है। अब यह बैक सहकारिता चलाऐगा

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उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित के संचालन मंडल के सदस्यों एवं अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी
उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक मर्यादित, उज्जैन जिसका रजिस्ट्रेशन आजादी के पूर्व 1936 में हुआ था। शहर के कई प्रख्यात लोग पूर्व विधायक महादेव गोविन्द जोशी, समाज सेवी लच्छू मैय्या, पूर्व महापौर चन्द्रमानसिंह भदौरियाजी मदनलालजी दिसावल पत्रकार व कवि मानसिंहजी राही आदि इसके संचालक मण्डल में रहे। बैंक के माध्यम से हजारों लोगों के मकान बने साहूकारों के चंगुल से अनेकों लोग मुक्त हुये उनके काम धन्धे रोजगार में वृद्धि हुई। एक गरीब ठेले गुमटी वाला भी इस बैंक से ससम्मान तत्काल ऋण लेता है। बैंक उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर है। सहकारिता विभाग के आडिट में लगातार कई वर्षों से इसे “अ वर्ग का दर्जा दिया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इसे अपग्रेड कर “स” से “ब” में प्रमोट किया है। आधुनिक संसाधनों के साथ भवन के नवीनीकरण से अब यह बैंक किसी कारपोरेट बैंक से कम नहीं कर्मचारियों को इयां, छठा व हाल ही में 7वां वेतनमान दिया है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि इस वर्ष कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बैंक ने 91 लाख रूपये लाभ अर्जित किया है। संचालक मण्डल व बैंक कर्मचारियों के कार्यों व बैंक की लगातार प्रगति को देखकर इसके सदस्यों ने अपने गाढ़े खून पसीने की कमाई से अर्जित 81 फरोड़ यहां डिपाजिट किये है यह बैंक के प्रति उनके विश्वास का प्रतीक है।

प्रति 5 वर्षों में संचालक मण्डल का निर्वाचन प्रजातान्त्रिक पद्धति से इसके सदस्यों द्वारा किया जाता है जो 30 सितम्बर के पूर्व होना है।

म.प्र. राज्य सहकारी प्राधिकारी भोपाल द्वारा नियुक्त निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर मतदाता सूची का अन्तिम प्रकाशन दिनांक 05-08-2021 को जारी कर पत्र सहकारी प्राधिकारी भोपाल की ओर चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने हेतु भेज दिया। लेकिन आज दिनांक तक चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया। इस सम्बन्ध में बैंक संचालक मण्डल द्वारा सर्वप्रथम पुनाव प्राधिकारी भोपाल को निर्वाचन कराने हेतु रजिस्ट्री व ई-मेल के माध्यम से पत्र दिनांक 11-08-2021 को भेजा गया इसके पश्चात दिनांक 17-08-2021 को माननीय मुख्यमन्त्री व सहकारिता मन्त्री जी को भी पत्र व ई-मेल के माध्यम से अवगत कराया गया। कहीं से कोई उत्तर न मिलने के बाद दिनांक 31-08-2021 को माननीय प्रधानमन्त्री व नवनियुक्त केन्द्रीय सहकारिता मन्त्री को भी पत्र के माध्यम से सारी स्थिति बताई गई बैंक का संचालक मण्डल सर्वप्रथम भाजपा विधायक पारस जैन जी से मिला उन्होंने तत्काल सहकारिता मन्त्री को फोन लगाया तो उन्हें मन्त्री अरविन्द मदौरिया जी ने कहा कि आपके शहर के शिक्षा मन्त्री मोहनजी का दबाव है कि बैंक में चुनाव न करवाये जाये। विधायक जी के बाद संचालक मण्डल भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया जी से भी मिला सहकारिता मन्त्री ने उन्हें मोबाईल पर शिक्षा मन्त्री मोहन यादव के दबाव की बात पुनः दोहराते हुये बैंक का चुनाव प्रोग्राम जारी करवाने का आश्वासन दे दिया। लेकिन लगभग 15 दिनों बाद भी आदेश आज दिनांक तक नहीं आया।

बैंक संचालक मण्डल का प्रतिनिधि मण्डल भोपाल जाकर सहकारिता मन्त्री जी से भी मिला लेकिन यहां भी मन्त्री जी ने दोहराया कि स्थानीय मन्त्री मोहन यादव उनके मित्र है। उनकी इच्छा के बिना चुनाव सम्भव नहीं। निर्धारित अवधि में निर्वाचन न होने पर 1 अक्टूबर 2021 को सहकारिता विभाग का अधिकारी बैंक का चार्ज ले लेगा। जिन बैंकों व सहकारी संस्थाओं का चार्ज सहकारिता विभाग के अधिकारीयों ने लिया है अधिकांश उनका ह क्या होता है यह सबके सामने है।

मन्त्री मोहन यादव पूरे शहर में अपने प्रभुत्य के साथ इस प्राचीन बैंक को भी हथियाना चाहते है तो वह चुनाव के माध्यम से यहां अपना बोर्ड बना ले। लेकिन इस प्रकार प्रजातन्त्र व सहकारिता की मूल भावना को कुचलकर सहकारिता का सरकारीकरण करना कदापि उचित नहीं है। निश्चित ही आगामी समय में इसके गम्भीर परिणाम सामने आयेंगे। प्रियदर्शिनी साख संस्था का मामला हमारे सामने है। मन्त्री मोहन यादव की जिद और व्यक्तिगत बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई से 21 हजार सदस्य उनके परिवार की 81 करोड़ रूपये जमा राशि पर प्रश्न चिन्ह लग जायेगा। स्टॉफ व उनके परिजनों का भविष्य अन्धकारमय हो जायेगा निश्चित ही यह मात्र संचालक ही नहीं अपितु राजनीतिज्ञों और सारे शहर के लिये गहन चिन्ता का विषय है। वर्तमान में उनका चुप रहकर तमाशबीन की भूमिका अदा करना भविष्य उन्हें दोषी जरूर ठहरायेगा।

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