उज्जैन सड़क सुरक्षा समिति मैं लिए गये निर्णय को स्थापित करने के लिए संगठित ई-रिक्शा परिचालक संघ द्वाच दिनांक 26/04/2024 को आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके पश्चात वरिष्ठ अधिकारियों को 30/04/2024 को फिर एक आपत्ति आवेदन पत्र दिया गया था, जिस पर जिला कलेक्टर महोदय व क्षेत्रीय परिवहन अधिकारीयों द्वारा संघ को आश्वासान दिया गया था कि ई-रिक्शा के संबंध मे सड़क सुरक्षा समिति की आगामी बैठक में युनियन के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनका पक्ष भी लिया जायेगा, जिसके बाद अखबार के माध्यम से संघ को जानकारी लगी है कि दिनांक 24/05/2024 को लाटरी पद्धति से ई-रिक्शा की रूट अनुमति आवंटित की जाएगी और दो शिफ्ट में ई-रिक्शा शहर में संचालित होगी। माननीय महोदय से संघ जानना चाहता है कि किस जिले, किस शहर में ई-रिक्शा रूट परमिट से दो शिफ्ट पर संचालित होता है, रूट तय करने से यूनियन को आमंत्रित क्यो नही किया गया, आर.टी.ओ एक्ट के अनुसार किस धारा के अन्तर्गत 03 माह का रूट अनुमति जारी की जा रही है, जिस प्रकार से ई-रिक्शा के रूट तय किया जा रहा है, उस तरह से सबसे पहले ऑये रिक्शा का रूट तय किया जाना चाहिए, विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं भक्तो का आना लगा रहता है, जिससे वह स्वयं के निजी वाहन महाकाल परिक्षेत्र मे लाने से यातायात प्रभावित होता है जो कि परिक्षेत्र मे प्रवेश से पहले ही रोका जाये, उज्जैन शहर काफी छोटा शहर है फिर भी जरूरत से ज्यादा ऑटो, ई-रिक्शा संचालित होती है, उज्जैन दर्शन कराने की गाड़ीयो की क्या रूपरेखा रहेगी, तरा रूट के अलावा ई-रिक्शा चालक को सवारी मिलती है और वह छोड़ता है तो उसे चालान की कार्यवाही भुगतना पड़ेगी, 03 माह बाद रूट बदलने पर क्षेत्रीय परिवहन विभाग द्वारा नया रूट लेने पर क्या चार्जेस लगाये जायेगे, तय किए गये है कि नही और यदि तय किए गये है तो कितना चार्ज लगेगा, आर.टी.ओ उज्जैन की प्लानिंग में कितनी ई-रिक्शा संचालित की जाना थी अब तक कितनी ई-रिक्शा शहर के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है और अब नये रजिस्ट्रेशन बंद किए जाना चाहिए। 6000 ई-रिक्शा का रूट तय किया गया है इसके बाद की ई-रिक्शा कहां चलेगी उन ई-रिक्शा चालको का क्या होगा। ई-रिक्शा की खरीदी पर प्रायवेट ट्रांसपोर्ट कल्याण बोर्ड को उज्जैन आर.टी.ओ. से कितने रूपये का लाभ पहुंचाया गया है, बताया जाये, उज्जैन शहर में ई-रिक्शा संचालको को ई-रिक्शा के लिए झोन मे पार्किंग की व्यवस्था दी जाये। जबकि सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि उज्जैन शहर का आर.टी.ओ. मात्र ई-रिक्शा का रूट तय करने पर गहन चिंतन कर रहा है जबकि ई-रिक्शा के पहले शहर के अंदर 5000 से भी ज्यादा ऑटो रिक्शा है जिनका रूट आज दिनांक तय नही किया गया है इसके अलावा शहर के अन्दर सी.एन.जी मैजिक गाड़ी पूर्व मे ही 5 साल के रूट परमिट पर आर.टी.ओ से रजिस्टर्ड की गई है जो आज रोड़ पर महाकाल क्षेत्र से उज्जैन दर्शन कराने के लिए संचालित की जा रही है, जिसका प्रति दर्शनार्थी से 300 से 400 रूपये प्रति शुल्क चार्ज लिया जाता है, अपने रूट को छोड़कर मनमाने रूट से ऑटो रिक्शा व मैजिक गाड़ी चल रही है, जिन पर आर.टी.ओ द्वारा कोई सख्त कार्यवाही नही की जा रही है, सिर्फ ई-रिक्शा के ही रूट तय किए जा रहे है और नई ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है, जिससे शहर में ई-रिक्शाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, कल दिनांक 22/05/2024 को भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधि मंडल आर.टी.ओ कोर्ट में अजय पाण्डेय जी से मिला था, जिन्होने आज दिनांक 23/05/2024 को माननीय क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से संघ की बैठक कराने का आश्वासन दिया था, सुबह जब आर.टी.ओ कार्यालय पहुंचे तो आर.टी.ओ ऑफिस बंद था। श्रीमान अजय पाण्डेय जी से सम्पर्क किया गया तो उन्होने बताया कि साहब अभी छुट्टी पर है, छुटटी की जानकारी होने के बाद भी हमे समय देकर नहीं मिलने से प्रतित होता है कि संघ के प्रतिनिधियों को गुमराह किया गया है। संघ का निवेदन है कि ई-रिक्शा रूट तय की प्रक्रिया और दिनांक 24/05/2024 को लॉटरी पद्धति से ई-रिक्शा आवंटित किया जाना है को जब तक ऑटो रिक्शा का रूट तय नही हो, मैजिक अपने रूट पर नही चले तब तक के लिए स्थगित किया जाकर असगंठित ई-रिक्शा परिचालक संघ के पदाधिकारीयों को भी अपना पक्ष रखने के लिए पुनः सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित किया जाये।
2024-05-23