चल समारोह • शाम 4 बजे मंदिर में पूजन, भैरवगढ़ क्षेत्र में भ्रमण कर हुई वापसीकाल भैरव से सवारी निकाली, सिंधिया घराने की पगड़ी धारण करवाई, सिद्धवट पर पूजन

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उज्जैन डोल ग्यारस पर सोमवार को भैरवगढ़ में काल भैरव की सवारी धूमधाम से निकाली गई। बाबा की एक झलक पाने के लिए मार्ग के दोनों ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु खड़े रहे। सवारी शुरू होने से पहले शाम 4 बजे परंपरा अनुसार कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने पूजन-अर्चन किया। इसके बाद काल भैरव की सवारी ने संपूर्ण भैरवगढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया।
पालकी के अंदर भैरव महाराज के स्वरूप चांदी की नई प्रतिमा विराजित कर निकाली गई। यह प्रतिमा ग्वालियर
के संदीप मित्तल ने पुजारी सदाशिव चतुर्वेदी की प्रेरणा से मंदिर में भेंट की है। पुजारी सदाशिव चतुर्वेदी ने बताया सवारी शुरू होने से पहले भगवान काल भैरव का श्रृंगार किया गया। सिंधिया परिवार की ओर से परंपरा अनुसार लाल पगड़ी पहनाई गई। सवारी में बैंड, ढोल, ध्वज, अखाड़े, झांकी, बग्घी, रथ आदि शामिल थे। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के बाहर भी परंपरा अनुसार पालकी रोकी गई। जहां जेल प्रशासन के अधिकारियों ने पूजन किया। सिद्धवट पर पूजन के बाद सवारी रात में पुनः मंदिर पहुंची जहां आरती कर डोल ग्यारस उत्सव का समापन किया गया।
5 किलो 700 ग्राम वजनी चांदी की प्रतिमा भेंट की
भक्त मित्तल ने बताया भैरव बाबा की यह प्रतिमा 5 किलो 700 ग्राम चांदी होकर स्वर्ण पॉलिश की गई है। मित्तल परिवार की रमा, सक्षम, वरदान, संजीवनी, आयुषी, शिवा, काशिका और ग्वालियर व इंदौर से आए भक्त प्रतिमा लेकर एक दिन पहले ही उज्जैन पहुंच गए थे।

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