उज्जैन गोवर्धन सागर की सफाई का काम समाप्त होने की ओर 14 दिन के सतत प्रयास से अब पूरी तरह अन्तिम चरण पर

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गोवर्धन सागर की सफाई का काम समाप्त होने की कगार पर
उज्जैन। गोवर्धन सागर की सफाई का काम अब समाप्त होने की स्थिति में आ गया है। 14 दिनों तक सतत प्रयास के बाद गोवर्धन सागर से पिछले 50 साल से ज्यादा समय से जमी गाद और जलकुंभी और घास को बाहर निकाल दिया गया है। अगले दो से तीन दिन के भीतर गोवर्धन सागर पूरी तरह से घास और काई से मुक्त हो जाएगा।
रामादल अखाड़ा परिषद ने महंत डा. रामेश्वरदास की अगुवाई में 21 जनवरी से गोवर्धन सागर सहित सप्तसागरों के शुद्धीकरण और उनकी दशा बदलने के लिए ध्यानाकर्षण धरना आरंभ किया था। 27 जनवरी से गोवर्धन सागर पर श्रमदान अभियान की शुरूआत की गई। शुरूआत में श्रमिकों और आम नागरिकों की सहभागिता से आरंभ हुए गोवर्धन सागर की सफाई के अभियान में उस वक्त गति आई जब इंटरनेशनल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी ने जनसहयोग की इस मुहीम में अपनी सहभागिता देना आरंभ किया। वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा कैप्टन दीपक कुमार के नेतृत्व में की टीम ने कड़ाके की सर्दी के बावजूद देर रात तक सफाई का काम जारी रखा। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी मोहन पांडे ने गोवर्धन सागर के सफाई अभियान में साधु-संतो के संकल्प को पूरा करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। राजेंद्र सिंह चौहान, अभिषेक ठाकुर, पवन यादव, राजेश दिसावल, कमल कौशल, विशाल यादव, कैलाश लश्करी आदी ने सुबह से रात तक सफाई के काम का जिम्मा उठाया। इन सभी की संयुक्त मेहनत का ही परिणाम रहा कि महज 14 दिनों के भीतर ही गोवर्धन सागर अपने पुराने स्वरूप में लौट आया है।

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