उज्जैन संतो के धरने पर पहुचे कलेक्टर आशीष सिंह कहा आपकी मांगों के प्रति प्रशासन गंभीर एक सप्ताह के भीतर हटा दिया जाऐगा पुष्कर सागर के आसपास के अवैध निर्माण

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संतो के धरने में पहुंचे कलेक्टर, कहा-आपकी मांगो के प्रति प्रशासन गंभीर

– एक सप्ताह के भीतर हटा दिए जाएंगे पुष्कर सागर के आसपास के अवैध निर्माण

उज्जैन। अंकपात मार्ग स्थित गोवर्धन सागर के तट पर प्राचीन सप्तसागरों के पुर्न उद्धार के लिए साधु-संतो द्वारा किए जा रहे धरना आंदोलन के पांचवे दिन कलेक्टर आशीष सिंह शासन के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे। कलेक्टर ने आश्वस्त किया है कि पुष्कर सागर के आसपास के अतिक्रमण एक सप्ताह की अवधि में हटा दिए जाएंगे। पुरूषोत्तम सागर पर सफाई और मेंटेनेंस का काम जल्द शुरू करवा दिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि गोवर्धन सागर पर संत और समाज की विभिन्न संस्थाएं यदि स्वच्छता के लिए श्रमदान करना चाहती है तो प्रशासन को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास ने कलेक्टर आशीष सिंह को संत, महंत, मंडलेश्वर की मांगो से अवगत कराया। महंत डा. रामेश्वरदास ने कलेक्टर को बताया कि रामादल अखाड़ा परिषद के धरना आंदोलन के बाद विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने साधु-संतो की अगुवाई में 27 जनवरी की सुबह 11 बजे से गोवर्धन सागर पर श्रमदान आरंभ करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर आशीषसिंह ने रामादल अखाड़ा परिषद के सदस्यों से कहा कि उज्जैन के संतो द्वारा पूर्व में शिप्रा शुद्धीकरण के लिए भी जो मांगे उठाई गई थी, उन्हें राज्यशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। शिप्रा शुद्धीकरण की स्थाई योजना पर काम चल रहा है। कलेक्टर ने कहा कि संतो ने सप्तसागरों की दुर्दशा की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने बताया कि गोवर्धन सागर के विकास के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है। यहां विकास कार्यो के लिए लिए 13 करोड़ रूपए स्वीकृत भी है। कलेक्टर ने कहा कि न्यायालयीन विवादों की वजह से प्रशासन यहां अपनी योजना पर काम शुरू नहीं कर सका है, जब भी कोर्ट का आदेश होगा, उसके बाद ही प्रशासन यहां अपनी योजना को मूर्त रूप देगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि यदि संत और विभिन्न संस्थाएं प्राचीन महत्व के गोवर्धन सागर पर श्रमदान की शुरूआत करना चाहते है तो प्रशासन और नगर निगम को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

साधु-संतो ने नलियाबाखल स्थित पुष्कर सागर की दुर्दशा और सागर की जमीन पर अतिक्रमण की ओर भी कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट किया। कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि पुष्कर सागर के आसपास के अवैध निर्माण हटाने का काम एक सप्ताह के भीतर आरंभ कर दिया जाएगा। कलेक्टर ने संतो को बताया कि बड़ा रूद्रसागर को 1 मार्च तक किसी भी स्थिति में पूरी तरह सीवर मुक्त कर दिया जाएगा। इसके साथ ही छोटा रूद्रसागर को भी 1 मई तक पूरी तरह सीवर मुक्त करने का लक्ष्य है।

आज धरना स्थल पर ध्वजारोहण

कलेक्टर आशीष सिंह ने रामादल अखाड़ा परिषद के संत, महंत, महामंडलेश्वर आदी से धरना समाप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैं वचन देता हूं कि सप्तसागर और शिप्रा शुद्धीकरण के कामों के प्रति हम गंभीर है और बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे। कलेक्टर ने रामादल अखाड़ा परिषद के महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानदास जी को अन्न ग्रहण कराकर उपवास समाप्त करवाया। आप विगत 2 माह से शिप्रा शुद्धीकरण की मांग को लेकर उपवास कर रहे थे। कलेक्टर के आग्रह के बावजूद संतो ने धरना आंदोलन निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया है। बुधवार सुबह 11.30 बजे धरना स्थल पर ही गणतंत्र दिवस समारोह मनाने और राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण करने का निर्णय लिया गया। इसी दिन दोपहर में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों से बात कर 27 जनवरी की सुबह से आरंभ होने वाले श्रमदान अभियान की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

मंगलवार को धरने में प्रमुख रूप से महाकालेश्वर मंदिर के प्रतिनिधि प. महेश पुजारी, गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमति माया राजेश त्रिवेदी, वैष्णव बैरागी समाज महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सावित्री महंत, राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती रत्ना शर्मा, कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल, योगेश जी मीणा, घनश्याम जी मीणा, मदनमोहन जी अग्रावत, कुमावत समाज के प्रांतीय सचिव बसंत कुमार दौराया सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन शामिल हुए।

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