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लोकमान्य तिलक गणेश उत्सव महाआयोजन समिति, उज्जैन द्वारा नवरात्री के पावन अवसर पर 25 हजार कन्याओं का 121 स्थानो पर कन्या पूजन महोत्सव को लेकर उज्जैन उत्तर विधायक अनिल जैन कालुहेडा दिनेश जाटवा जगदीश पांचालअशोक केथवाल शिवेन तिवारी समिति उपस्थिति में मिडिया से चर्चा

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, उज्जैन शहर में पहली बार नवरात्रि में 28 सितम्बर 2025, रविवार को 121 स्थानों पर 25 हजार कन्याओं का एक समय पर पूजन किया जायेगा। इस आयोजन में 5 हजार वॉलंटियर जुटे तैयारी में, 30 विधायक, 10 सांसद व 5 मंत्री सहित शहर के अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। शहर में पहली बार नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बड़ा आयोजन होने जा रहा हैं। इसके तहत 121 स्थानों पर 25 हजार कन्याओं का एक वक्त पर पूजन किया जाएगा। ये आयोजन 28 सितंबर 2025 को छठ की सुबह होगा। स्नातन संस्कृति के ज्ञान बोध से युवा पीढ़ी को अवगत करवाने के उद्धेश्य से आयोजित होने वालें इस नवरात्रि कन्या पूजन महोत्सव के लिए लोकमान्य तिलक गणेश उत्सव महाआयोजन समिति करीब छह महीने पहले से तैयारी जुटी हुई हैं। समिति के संयोजक व महोत्सव के सूत्रधार विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा हैं। उनके नेतृत्व में महोत्सव के लिए 13 वर्ष से कम आयु वर्ग वाली कन्याओं का रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से 30 जुलाई तक किया गया। अब कार्यक्रम स्थलों के लिए कन्याओं को प्रवेशिका के साथ ही आमंत्रण पत्र भी भेंट किए जा रहे हैं। महोत्सव की तैयारी में स्थानीय लोगों के सहित करीब पांच हजार वॉलंटियर जुटे हुए हैं। महोत्सव 28 सितंबर को सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक शहर के 121 स्थानों पर होगा। ये स्थान शहर की चौड़ी सड़क धर्मशालाए बड़े भवन व परिसर आदि हैं। जहां 25 हजार कन्याएं जुटेंगी। इनका पूजन क्षेत्र के स्थानीय लोग करेंगे। कन्या पूजन के महत्व विषय पर मुख्य वक्ता संबोधित करेंगे। महोत्सव में प्रदेश के 30 विधायक, 10 सांसद व 5 मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
संघ व अनुशासित संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। विधायक कालूहेड़ा ने बताया कि नवरात्रि कन्या पूजन महोत्सव के लिए करीब छह महीने पहले से तैयारी की जा रही हैं। महोत्सव का उद्देश्य नारी शक्ति के प्रति सम्मान और सनातन संस्कृति के ज्ञान बोध से युवा पीढ़ी को अवगत करवाना हैं।हिंदूधर्म में कन्या पूजन को पवित्र अनुष्ठान माना हैं, कन्या पूजन-कन्या भोज व कुमारी पूजा को हिंदू धर्म में पवित्र अनुष्ठान माना गया हैं जिसे मुख्य रूप से नवरात्रि पर्व के दौरान किया जाता हैं। इसमें कन्याओं की पूजा की जाती हैं जो देवी दुर्गा (नवदुर्गा) के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। हिंदू दर्शन के अनुसार इन कन्याओं को सृजन की प्राकृतिक शक्ति की अभिव्यक्ति माना जाता हैं। विदित हैं कि नवरात्रि पर्व के नौवें दिन शक्ति ने देवी दुर्गा का रूप धारण किया था, देवों के अनुरोध पर राक्षस कलसुरा का वध करने के लिए देवी मॉ स्वयं प्रकट होती हैं। ज्ञान्तव्य हैं कि लोकमान्य तिलक महाआयोजन समिति उज्जैन के द्वारा विगत 11 वर्षो से श्री गणेश महाउत्सव भव्य रूप से मनाया जा रहा हैं। जिसमें संस्था द्वारा दो वर्ल्ड रिकार्ड बनाये जिसमें एक ही पांडाल में एक साथ 5000 से अधिक मिट्टी से निर्मित गणेशजी की प्रतिमा बनाई और अपने घर पर पूजन हेतु ले गये इसी के साथ 310 सार्वजनिक पांडालों में एक जैसी मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं को स्थापित किया गया जो क्रम लगातार चल रहा है और इस वर्ष भी एक साथ एक स्थान पर पांच हजार से अधिक गणेश जी की प्रतिमा निर्मित की गई जो एक किर्तीमान हैं और आप सबके सहयोग से धार्मिक क्षेत्र के आयोजन में एक बड़ा किर्तीमान बन रहा हैं।

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