उज्जैन | तिरुपति धाम बड़नगर रोड़ पर मंगलवार को 12वें ब्रह्मोत्सव पंचकुंडीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात जगद्गुरु रामानुजाचार्य विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज, जगद्गुरु रामानुजानाथ रंगनाथाचार्य महाराज सहित देशभर से आए भक्तों व साध-संतों की उपस्थिति में राघवेंद्र नाथ का पट्टाभिषेक किया गया। वे अब जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवेंद्राचार्य बन गए। इस अवसर पर रामानुजाचार्य विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा किसी भी संस्था का भावी भविष्य अच्छा हो सकता है, जब आचार्य अपने सामने ही उसे किसी योग्य हाथों में सौंपे। जगद्गुरु स्वामी श्रीकांताचार्य महाराज का यह निर्णय सर्वश्रेष्ठ है कि उन्होंने युवा राघवेंद्रचार्य को पट्टाभिषेक कर यह दायित्व सौंपा। श्रीकांताचार्यजी ने रामानुजाचार्य परंपराओं से हमेशा आगे बढ़ाया है। भक्तों द्वारा जगद्गुरु रामानुजाचार्य राघवेंद्र नाथ को शाल-श्रीफल भेंट किए गए। इससे पूर्व अयोध्या एवं दक्षिण भारत से पधारे आचार्य द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा पट्टाभिषेक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। देशभर से आए भक्तों सहित श्यामसिंह सिकरवार, डॉ. दिनेश सुखनंदन जोशी, विजय बांगड़, मनोज तिवारी, विनोद शर्मा, मनमोहन मंत्री आदि मौजूद थे।
2024-11-13