उज्जैन के गौरव दिवस शिप्रा तट गायक पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल के गीतों पर झूमे गूंजी शिव, राम व माता के भजनों की स्वर लहरियां 2 घंटे तक लगातार प्रस्तुति

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पार्श्व गायक जुधिर नौटियाल के गीतों झूमे श्रोता, दो घंटे तक लगातार प्रस्तुति दीउज्जैन शिप्रा के तट पर मंगलवार को उज्जैन के गौरव दिवस का महोत्सव मनाया गया। इसके लिए रामघाट, दत्तात्रेय घाट, रविदास घाट सहित सभी घाटों को रोशनी से सजाया गया था। शाम ढलने के बाद शिवज्योति अर्पणम कार्यक्रम अंतर्गत 5 लाख 51 हजार दीपकों की रोशनी से शिप्रा के घाट जगमगा उठे।
पार्श्व गायक जुबिन नौटियाल रात 8.50 बजे शिप्रा के बीच में बनाए मंच पर पहुंचे। उन्होंने बिना देर किए मेरी चौखट पर आज चारों धाम आए हैं, से शुरुआत की। उन्हें उज्जैन के रंग में रंगते देर नहीं लगी। मंच से कहा उज्जैन… मेरा साथ दोगो। जय महाकाल…. जय श्री महाकाल, जय श्री राम के जयकारों के बीच श्रोताओं ने गीत, संगीत के बीच आतिशबाजी का लुत्फ भी उठाया। मंच के दोनों ओर से आतिशबाजी के साथ आग के गोले ने घाटों पर बड़ी संख्या में मौजूद का रोमांच बढ़ा दिया। इसके अलावा रामघाट और दत्तात्रेय घाट से लगे घाटों से जमकर आतिशबाजी ने जुबिन को भी कुछ पलों के लिए रोक दिया। गजब का है पल देखो जरा, ये दीवाना पन देखो जरा, पहला नशा पहला प्यार, एक मुलाकात जरूरी है सनम जैसे फिल्मी नग्मों के साथ उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दी। कहा-हे कालरात्रि कल्याणी तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं, मेरी मां के बराबर कोई नहीं।
दर्शकों के बीच पहुंच गए
स्वर लहरियों में खोए जुबिन आखिरी वक्त में मंच के एक तरफ बैठे दर्शकों के बीच चले गए। यहां पर उन्होंने एआर रहमान के गीत ये पहली बार मिले, तुम पे यह दिल मचले.. गाया। वे किसी विधा में बंधे नजर नहीं आए। न ही रुके। एक के बाद एक लगातार नग्मे गाते रहे। उन्होंने मेरी चौखट पर चलकर आज चारोंधाम आए हैं.. दो बार गाया।

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