स्वार्थ पूर्ति नहीं होने से बौखलाहट, कोर्ट का फैसला मानने को तैयार नहीं मामला नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर को लेकर अपर कलेक्टर, एसडीएम कोर्ट ने जूना अखाड़े के पक्ष में दिया निर्णय, तहसीलदार ने दिलाया विधिवत कब्जा, अवैध कब्जेबाजों को रास नहीं आ रहा मंदिर में पूज्य साधु संतों का प्रवेश व पूजन, हिंदू विरोधी कृत्य करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा यह बात महंत देव गिरी महाराज ने नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर नीलगंगा पर पत्रकार वार्ता में बताया

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उज्जैन। नीलगंगा स्थित श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर व परिसर कि आड में अब तक निजी स्वार्थ पूर्ति करने वालों को अब माननीय अपर कलेक्टर, एसडीएम कोर्ट का फैसला रास नहीं आ रहा। इसीलिए बौखलाहट में वे मनगढंत आरोप लगाकर क्षेत्र के लोगों को भड़काकर खुद का उल्लू सीधा करना चाह रहे है। जबकी सन् 1960-61 के राजस्व रिकॉर्ड अनुसार श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तत्कालीन ब्रह्मलीन महंत पार्वती गिरी माई राम होकर मंदिर में पूजन अर्चन करती रही है। वर्ष 1977 में उनकी मृत्यु के पश्चात भगवान सिंह पिता सांवले सिंह जो कि पार्वती गिरी माई के समय भी मंदिर में साफ सफाई सेवा कार्य करते थे। माता की मृत्यु के बाद वह मंदिर में सेवा कार्य कर रहे थे, वही समय समय पर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के संत, महंत, थानापति पूजन अर्चन करते आ रहे है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015-16 में न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन पीठासीन अधिकारी श्री संतोष वर्मा द्वारा आदेश क्रमांक 02/अ-39/2015-16 में आदेश दिनांक 24/03/2016 में पारित कर भूमि सर्वे नंबर 1945 / 3 का नामांतरण श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा बड़ा हनुमान घाट वाराणसी द्वारा मंत्री श्री महंत हरी गिरी महाराज गुरु दत्तात्रेय के नाम प्रकरण सुनवाई पश्चात आदेश जारी कर उक्त सर्वे क्रमांक श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के स्वामित्व का उल्लेख किया है। सालों से इस मंदिर व परिसर पर अवैध कब्जा जमाए बैठे नीलगंगा निवासी दिलीपराव गोरकर उर्फ दिल्लू पहलवान, साथी राजेंद्र जैन अपने निजी स्वार्थ पूर्ति नहीं होने के चलते बौखलाहट में साधु-संतों व अखाडे पर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए हिंदू विरोध कृत्य कर रहे है। पूर्व में इनके द्वारा श्री राम जानकारी मंदिर धाम को लेकर भी इसी प्रकार का षडयंत्र व झूठी शिकायतें की गई थी। लेकिन उस दौरान भी मंदिर प्रबंधन द्वारा इनकी ब्लैकमेलिंग से नहीं डरते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया था। अब ये लोग नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर परिसर से होने वाली उपरी आय खत्म होने से बौखलाहट में आकर भ्रम पैदा कर रहे हैं। पूर्व सेवक ने स्टॉम्प पर दिया इकरार नामा, बेटे ने किया पेशनीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में सेवा कार्य करने वाले भगवान सिंह पिता साधले सिंह ने दिनांक 2 फरवरी 2017 को एक इकरारनामा स्टाम्प पर लिख कर दिया कि नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर जो कि जूना अखाड़े की पार्वती गिरी माई के स्वामित्व का है और उन्होंने ही उन्हें साफ सफाई सेवा कार्य के लिए रखा था, वर्तमान में मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से उक्त मंदिर का परिसर जूना अखाड़े के श्रीमहल हरी गिरी जी को सौंपना चाहता हूं। वर्ष 2019 में उनकी मृत्यु के बाद जूना अखाड़ा के हरि गिरि महाराज में एक बाद एसडीएम वजन के न्यायालय में दायर किया जिसमें प्रकरण 16मांक 0003 / बी-121/20-21 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उज्जैन नगर द्वारा आदेश पारित कर श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के संबंध में आदेश पारित किया कि खरा वर्ष 20-21 के सर्वे क्रमांक 1945 / 3 मे श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा द्वारा मंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज भूमि स्वामी सत्व पर दर्ज है और उनके ही सन्यासियों द्वारा पूजन अर्थन किया जाता रहा है। उक्त आदेश के पश्चात श्री हरि गिरि महाराज द्वारा तहसीलदार न्यायालय में कब्जा दिलाए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया। जिस पर प्रकरण क्रमांक 0001 / 1 70 दर्ज कर तहसीलदार उज्जैन श्रीमती अर्चना गुप्ता द्वारा प्रकरण की सुनवाई पश्चात एवं भगवान सिंह पिता सावले सिंह के पुत्र श्याम सिंह पिता भगवान सिंह को नोटिस जारी क मीका निरीक्षण किया गया। जिसमे श्याम सिंह द्वारा उक्त मंदिर की चाबी आदि जूना अखाड़ा के हरि गिरि महाराज को तहसीलदार के समक्ष सीपी गई। साथ ही तहसीलदार उज्जैन ने अपने आदेश में निर्णय देते हुए आवेदक हरि गिरि महाराज को दिनांक 29/05/ 23 को विधिवत रूप से कब्जा दिलाया गया। मत गंगा दशहरे के दिन जूना अखाड़ा के नागा साधुओं द्वारा अपने पूज्य देवता को नीलगंगा सरोवर में स्नान के पश्चात नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित किया गया। इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज, पूर्व मंत्री और विधायक पारस जैन महापौर मुकेश टटवाल, क्षेत्रीय पार्षद दुर्गा शक्ति सिंह चौधरी, सहित अन्य संत महंतों ने विधिवत रूप से पूजन अर्चन कर नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में जूना अखाड़े के देवता को स्थापित किया गया। तब से लेकर आज दिनांक तक जूना अखाडे के सन्यासियों द्वारा क्षेत्रीय भक्तों की उपस्थिति में नीलकंठेश्वर महादेव का आरती पूजन किया जा रहा है। एवं सत्संग हॉल में भोजन भण्डारा संचालित है। क्षेत्र के लिए खुला परिसर, कोई रोकटोक नहीं मंदिर परिसर में एक सत्संग हॉल निर्मित है, जिसमें क्षेत्र के आमजन मांगलिक व पारिवारिक कार्यक्रम करते हैं।’ जूना अखाड़े के स्थानीय सचिव महंत देवगिरी महाराज ने स्पष्ट किया है कि उक्त परिसर पूर्व कि तरह की आम लोगों के लिए खुला है, वे जो भी आयोजन करना चाहेंगे, उन्हें यह बगैर किसी रोकटोक दिया। जाएगा। क्षेत्र के दिल्लू नामक व्यक्ति द्वारा इस संबंध में भ्रम पैदा कर लोगों को बेवजह भड़काया जा रहा है। यदि इनके द्वारा यह कृत्य बंद नहीं किया गया तो इनके विरुद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराएंगे।न्यायालयीन मामला पास के धाम का, मीडिया में फैलाया झूठ ख़ुद को मंदिर समिति का प्रमुख बताने वाले कथित दिलीपराव गौरकर उर्फ दिल्लू ने पंचम अपर जिला न्यायाधीश जिला उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 37 / 2020 वादी दिलीप गौरकर विरुद्ध प्रतिवादी स्वामी वैदेहीदास रामजानकी मंदिर ख्वाजा मार्ग नीलगंगा उज्जैन के आदेश दिनांक 01/10/2021 का हवाला देकर इस मामले से जोडकर भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकी उक्त न्यायालीयन प्रकरण से नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, जूना अखाडा नवन व पूज्य हरिगिरी जी महाराज का कोई संबंध नहीं है। पूरे प्रकरण में श्री राम जानकी मंदिर के भवन व वैदेहीदास महाराज का ही उल्लेख है। किंतु क्षेत्र में अपनी झूठी शान व अल्पज्ञान का परिचय देने के उद्देश्य से भूमि सर्वे क्रमांक 1945 / 5 जो कि रामजानकी मंदिर का सर्वे नंबर होकर प्रकरण उन्हीं से संबंधित है। कोर्ट में अवमानना दायर करेगा जूना अखाडा जूना अखाड़े के मुख्य संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने इस प्रकरण में अखाड़े से जुड़े अभिभाषकों को दस्तावेज प्रेषित कर दिए है। चूंकी अपर कलेक्टर, एसडीएम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तहसीलदार द्वारा कब्जा दिलाया गया है। ऐसे में क्षेत्र में दिलीपराव गोरकर, राजेंद्र जैन आदी द्वारा विरोध प्रदर्शन कर माननीय कोर्ट की खुली अवमानना कि जा रही है। इस संबंध में अब अखाडें कि और से अवमानना का प्रकरण दायर किया जाएगा।गृह निर्माण संस्था का बोर्ड भंग, अखाडा परिषद के पक्ष में स्थगन जूना अखाडे के सचिव महंत देवगिरी महाराज के अनुसार क्षेत्र के दिल्लू गोरकर द्वारा सिंहस्थ पड़ाव स्थल कि भूमि के न्यायालीयन वाद को लेकर भी झूठी जानकारी जरीए ज्ञापन देना चाही है। ये प्रकरण जिला न्यायालय में श्याम गृह निर्माण संस्था जिसका कि वर्तमान में सहकारीता उपायुक्त के आदेश क्रमांक 2758- दिनांक 30-11-202 के तहत बोर्ड भंग हो चुका है एवं सहकारीता उपायुक्त द्वारा प्रशासक कि नियुक्ति कि गई है। इसके अध्यक्ष रहे भूमाफिया दिलीप खण्डेलवाल च कतिपय सदस्य पूज्य साधु-संतों से गलत तरीके से धन की चेष्टा पूर्ण नहीं होने पर अब दिल्लू के जरीए दबाव बनाना चाहते है। इस प्रकरण में माननीय न्यायालय ने अभा अखाड़ा परिषद के पक्ष में स्थगन दे रखा है । गौरतलब है कि उक्त प्रश्नाधीन भूमि जहां अखिल भारतीय अखाडा परिषद का केंद्रीय कार्यालय स्थित है। यहां से देशभर से अखाडों, आश्रम, मठ व साधु-संतों सहित सिंहस्थ महापर्व 2028 कि तैयारियों के संबंध में बैठक आदी कार्य संचालित होते आ रहे है। बावजूद इसके दिनांक 05-07-2021 को न्यायालय के स्थगन आदेश का उल्लंघन करते हुए भूमाफिया दिलीप खण्डेलवाल ने कुख्यात बदमाश संतोष राव कदम उर्फ बड़ा संतोष व अन्य बदमाशों के साथ आकर भूमि पर बलात कब्जा करने का प्रयास किया था। रोकने पर इनके द्वारा जूना अखाडे के महंत श्री देवगिरी जी महाराज पर प्राणघातक हमला किया था। जिसकी एफआईआर थाना नीलगंगा पुलिस द्वारा दिनांक 05-07-2021 को दर्ज कि गई थी। जिसमें भी दिलीप खण्डेलवाल व संतोष आदी आरोपी है। वहीं इस मामले कि गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के जननायक मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने तुरंत संज्ञान लेते हुए उक्त बदमाशों के विरुद्ध रासुका अंतर्गत कार्रवाई करवाकर जेल में निरुद्ध किया था। लेकिन अब ये भूमाफिया बोर्ड भंग होने के बावजूद संस्था के कार्यालय पर कब्जा जमाकर सिंहस्थ आरक्षित भूमि को खुर्द-बुर्द करना चाहते है।

महादेव मंदिर में संतों के सान्निध्य में सुंदरकांड
उज्जैन | श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर परिसर जूना अखाड़ा नीलगंगा में साधु संतों और भक्तों की मौजूदगी में सुंदरकांड का आयोजन किया गया। जूना अखाड़ा नीलगंगा के सचिव श्री महंत देव गिरी महाराज के सान्निध्य में संतो और नीलगंगा क्षेत्र के भक्तों ने इसका आनंद लिया। उसके बाद भक्तों को खीर प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान महंत कार्तिक गिरी, पंजाब शब्देवंद गिरी, कर्नाटक सहित अन्य संतों ने भक्तों को खीर वितरित की।

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