अखिल विश्व गायत्री परिवार उज्जैन द्वारा 20 मई से 29 मई तक दस दिवसीय विराट पुस्तक मेला का आयोजन किया जाना है |विराट पुस्तक मेला राष्ट्रीय मेला प्रभारी श्री राममुरारी गुप्ता (गायत्री तपोभूमि, मथुरा), गायत्री परिवार उज्जैन के पुस्तक मेला प्रभारी श्री अनिल राजपुरोहित ने प्रेस क्लब तरणताल पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया

Listen to this article

अखिल विश्व गायत्री परिवार, उज्जैन द्वारा विराट पुस्तक मेला 2023 का आयोजन दिनांक 20 मई 2023 से 29 मई 2023 तक बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर भवन, माधवनगर चिकित्सालय के सामने, फ्रीगंज, उज्जैन (म.प्र.) पर आयोजित होने जा रहा है। विराट पुस्तक मेला 2023 का समय प्रातः 9.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक रहेगा। अध्यात्म के पुरोधा, स्वतंत्रता सेनानी, तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा जी आचार्य ने मानवी गरिमा के आयामों को उन्नत करने की दिशा में लगभग 3200 पुस्तकों की स्वयं रचना कर एक अतुल्यनीय व अभूतपूर्व प्रयास किया है। इस पुण्य प्रसंग पर युवाओं को संस्कारित करने, पारिवारिक रूपी संस्था को बचाने, पाँच हजार वर्षों पुरानी ऋषियों की खोज, अध्यात्म की वैज्ञानिकता को प्रकट करने व उसे जनता जनार्दन को प्रेषित कर उपरोक्त संकल्पों को पूर्ण करने के उपायों पर यह विराट पुस्तक मेला 2023 आयोजित है। गायत्री परिवार के विचार क्रांति अभियान को गति देने हेतु अपने अमूल्य समय में से कुछ क्षण निकाल कर कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान करने का अनुरोध रहेगा। गायत्री परिवार का यह आयोजन विशेषकर विकृत चिंतन को श्रेष्ठ चिंतन में बदलने के लिए सद्साहित्य सशक्त माध्यम है। परम पूज्य गुरूदेव द्वारा मानव जीवन, स्वास्थ्य, आध्यात्म, योग, विज्ञान, तनाव मुक्त जीवन, नारी जागरण, व्यसन मुक्ति सहित अनेक विषयों पर उत्कृष्ट विवेचनात्मक मार्गदर्शन प्रस्तुत किया गया। इन पुस्तकों के स्वाध्याय से अनेकों ने अपने जीवन की सही दिशा धारा प्राप्त की और प्रशासनिक सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय व्यावहारिक सफलता प्राप्त करते हुए सही जीवन जीने की कला सीखी। आचार्य जी द्वारा रचित साहित्य का यह विराट पुस्तक मेला जो सप्तपुरी अवन्तिका (उज्जैन) में लगने जा रहा है। इसमें आम सभी जनमानस से, आपसे सादर अनुरोध है कि अपने व्यस्त समय में से समय निकालकर पुस्तक मेले में अवश्य पधारें। परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य भारत के एक युगदृष्टा मनीषी थे, जिन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की स्थापना की, आपने अपना पूरा जीवन समाज की भलाई तथा सांस्कृतिक व चारित्रिक उत्थान को समर्पित कर दिया। गुरूदेव ने आधुनिक व प्राचीन विज्ञान व धर्म का समन्वय करके आध्यात्मिक नवचेतना को जगाने का कार्य किया ताकि वर्तमान चुनौतियों का सामना किया जा सके। आपका व्यक्तित्व एक साधु पुरुष, आध्यात्म, वैज्ञानिक लेखक, सुधारक, मनीषी व दृष्टा के रूप में सबके सामने प्रकट हुआ। आपको श्रीराम मत्त, गुरूदेव, वेदमूर्ति, युगऋषि, आचार्य नाम से श्रृद्धालु व स्नेहीजन सम्बोधन प्रदान करते है। आपका जन्म ग्राम आंवलखेड़ा (आगरा, उत्तरप्रदेश) में वर्ष 1911 में हुआ और 80 वर्षों के जीवन में 800 वर्षों का कार्य करते हुए दिनांक 2 जून 1990 को हरिद्वार में गंगा दशहरा के दिन आपने इस संसार से बिदा ली। गायत्री परिजन इस दिन को पर्व के रूप में बड़े भावपूर्ण तरीके से मनाते है। गुरुदेव स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेते हुए जेल भी गए। जेल में आप देवदास गाँधी, पं. मदनमोहन मालवीय और एहमद किदवई जी के साथ रहे। आपने अपने जन्मस्थान (युग तीर्थ ग्राम आंवलखेड़ा)साथ तपोभूमि मथुरा (अखण्ड ज्योति संस्था), शांति कुंज हरिद्वार, ब्रह्मवर्चस की स्थापना के साथ हजारों शक्तिपीठों जो 5000 से अधिक है, की स्थापना की और अपने जीवन में ही उन्होंने परिजनों को यह उदघोषित किया कि अगर कोई गुरूदेव को साक्षात् जानना और महसूस करना चाहता है तो गुरूदेव उनके सद्साहित्य में मौजूद है। गुरूदेव के सप्त आन्दोलन में आन्दोलन की धारा विचार क्रान्ति अभियान से प्रेरित और सराबोर है। आईये ! आप और हम सब मिलकर इसका लाभ उठाएं। उल्लेखनीय है कि मध्य झोन भोपाल के निर्देशन में उज्जैन गायत्री परिवार द्वारा गुरूदेव के विचार क्रांति अभियान के अन्तर्गत संस्कारों के जागरण हेतु एक कार्ययोजना बनाकर उसे प्रतियोगिता के रूप में दिनांक 20 मई 2023 से एक मोबाईल पर आपके समक्ष लाया जा रहा है। इसके सम्बन्ध में जानकारी भी उपलब्ध कराई जा रही है। आपके अमूल्य सहयोग से पुनः परिवारों में संस्कार जागृत करने के लिए महर्षि सांदिपनी की यह नगरी एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी, ऐसी अपेक्षा के साथ इसे मिडिया में लगातार स्थान देने से आमजन तक यह संदेश पहुँचेगा और अधिक-से-अधिक सभी उम्र / वर्ग के लोग इससे जुड़ेगे और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करेंगे। संस्कारवान बनाएं प्रतियोगिता * इस प्रतियोगिता में माता-पिता, अभिभावक, शैक्षणिक संस्थाएँ, कोचिंग, आंगनवाड़ी, महिला समूह एनजीओ छात्र-छात्रा को कहानी सुनाकर प्रतियोगिता में बैठा सकेंगे। * इस प्रतियोगिता में अभिभावक संस्थाओं को निर्धारित पुस्तकों में से कहानियों को प्रतिभागी को सुनाना होगी और उन्हें जीवन में उतारने के लिए प्रेरित करना होगा। इसकी अवधि दिनांक 20 मई से 14 अगस्त तक होगी। * स्वयं प्रतिभागी भी पुस्तक पढ़ कर प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। * 15 अगस्त को 12 से 1 बजे की अवधि में परीक्षा होगी। मोबाईल पर आयोजित परीक्षा में प्रश्न पूछे जाएंगे जो वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे। प्रतियोगी को अपना ईमेल नम्बर देना होगा प्रमाण पत्र उसी पर भेजे जायेंगे । * जो प्रतियोगी मोबाईल में परीक्षा देने में कठिनाई महसूस करते हो या सक्षम ना हो वह अपने अभिभावक से मदद ले सकते है। कक्षा 1 से 8 तक के प्रतियोगी। * मोबाईल की व्यवस्था प्रतियोगी को या संस्थाओं को स्वयं करनी होगी। निराशा से बचने हेतु अपनी प्रति सुरक्षित करने हेतु मोबाईल नम्बर 94248-44771 पर श्री टी. आर. मालवीय जी को व्हाट्सअप पर मैसेज देवें। आपके घर कोड भेज दिया जावेगा। उस पर आप भुगतान कर अपनी पुस्तक की प्रति सुरक्षित कर सकते है। * अधिकतम प्रतियोगी सम्मिलित करने शासकीय व अशासकीय शैक्षणिक संस्था, संस्थान, एन.जी.ओ. को अलग से पुरस्कृत किया जावेगा।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे