भारत देश को खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से पूर्णतः पारदर्शिता, दक्षता एवं जवाबदेही के साथ आत्मनिर्भर बनाने में भारतीय खाद्य निगम की भूमिका  यह जानकारी भारतीय खाद निगम के अधिकारी ने पत्रकारों से चर्चा में दी      

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उज्जैन भारतीय खाद्य निगम की स्थापना, खाद्य सुरक्षा अधिनियम 1964 के तहत खाद्य नीति के निम्न उद्देश्यो का पूरा करने के लिये की गई – • किसानों के हितो को सुरक्षित रखने के लिये प्रभावी समर्थन मुल्य पर संचालन। • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देशभर में खाद्यानों का वितरण। • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिये खाद्यानो के प्रचालन तथा बफर स्टॉक के संतोषजनक स्तर को बनाये रखना। 2. भारतीय खाद्य निगम, संपूर्ण राष्ट्र की सेवा में सदैव तत्पर रहकर कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक खाद्यान्न पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करते हुए 58 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा है। पूरे देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं और धान खरीदकर देश के उत्तरोत्तर विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है । भारतीय खाद्य निगम देश के सभी राज्यों से जुड़ा हुआ है और 05 आंचलिक कार्यालयों, 26 क्षेत्रीय कार्यालयों और 164 मंडल कार्यालयों के साथ किसानों से खरीदी के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में वितरण हेतु सभी राज्यों को गेहूँ एवं चावल उपलब्ध करवाता आया है। जब हमारा देश 24 मार्च, 2020 से कोविड- 19 महामारी से संक्रमित होकर विपत्तियों से लड़ रहा था तब इस विपत्ति के दौर में पूरे देश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत लगभग 82 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त गेहूं और चावल प्रदाय किया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना माह अप्रैल, 2020 से लागू हुई जो निरंतर जारी है और भारत का प्रत्येक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा रहा है। सरकार का घोषित उद्देश्य है कि कोई भी गरीब भोजन से न वंचित हो और न ही किसी को भूखा रहना पड़े। म.प्र. खाद्यान्न खरीदी में विकेंद्रीकृत राज्य है, वर्ष 1999-2000 से राज्य शासन द्वारा गेहूँ का उपार्जन किया जा रहा है, वहीं चावल का उपार्जन वर्ष 2007-2008 से राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है और राज्य शासन के द्वारा वितरित खाद्यान्न के बाद अतिशेष खाद्यान्न भारतीय खाद्य निगम द्वारा भारत के अन्य राज्यों में परिवहन से भेजा जाता रहा है। 3. भारतीय खाद्य निगम ने स्थापना के बाद से ही संकट प्रबंधन उन्मुख खाद्य सुरक्षा को एक स्थिर प्रणाली में बदलने में भारत की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी क्रम में भारतीय खाद्य निगम द्वारा वर्तमान में की जा रही कुछ नई पहलों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है: • आधुनिक वैज्ञानिक भंडारण सुविधाओं (स्टील साइलो) का निर्माण । • एफसीआई के सभी डिपो लाइव स्ट्रीमिंग सुविधा के साथ सीसीटीवी कैमरों से लैस है। ● भारतीय खाद्य निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिये डिपो के सभी ट्रांजेक्शन डिपो ऑनलाईन के माध्यम से किये जाते है। • एफसीआई ने कार्यालयीन कार्यों हेतु ई-ऑफिस को अपनाया है और जिसके तहत एफसीआई के अधिक से अधिक कार्यालयीन कार्य बहुत जल्द कागज रहित हो जायेंगे। • एफसीआई द्वारा सभी खरीद GEM के माध्यम से की जाती है। एफसीआई द्वारा सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम विक्रेताओं को बढ़ावा देने के लिये अधिकतम खरीद की जा रही है जिसमें एचटीसीआरटीसी टेंडरिंग,

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