अनमोल चरित्र संपदा को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए संकल्पित होइए श्री विभाष उपाध्याय यदि हमारा धन गया तो कुछ भी नहीं गया

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श्री विभाष उपाध्याय
यदि हमारा धन गया तो कुछ भी नहीं गया यदि स्वास्थ्य गया तो कुछ गया और चरित्र गया तो सब कुछ गया। अतः अनमोल चरित्र संपदा को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए संकल्पित होइए। यह उद्गार श्री विभाष उपाध्याय उपाध्यक्ष जन अभियान परिषद ने गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन पर चल रहे ग्रीष्मकालीन छात्र संस्कार शिविर के समापन के अवसर पर छात्रों के बीच व्यक्ति किए। आपने अभिभावकों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उनका अपने बच्चों को इस शिविर में भेजने का निर्णय बहुत ही सराहनीय है। बच्चे जो संस्कार लेकर यहां से जा रहे हैं वह आपके घर परिवार को सुखमय बना देंगे। क्योंकि संतान ही असली सुख के कारण होतींहैं। 8 मई से चल रहे इस शिविर में करीब 70 बच्चों ने भागीदारी की। योगाभ्यास ,यज्ञ संचालन,गायन, अभिनय कला गीता स्वाध्याय आदि का शिक्षण प्राप्त किया जिसकी उन्होंने प्रस्तुति दी थी जिसे देखकर सभी अभिभावक प्रसन्नचित्र दिखाई दिए ।
अभिभावकों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे बच्चों के लिए यह शिविर बहुत उपयोगी रहा है उनमें नियमित दिनचर्या जीने की आदत आ गई है ।अतः ऐसे शिविर स्कूल की छुट्टी के दिनों में रविवार को अवश्य लगाइए। उपझोन समन्वयक श्री राजेश पटेल जी ने अभिभावकों के अनुरोध पर साप्ताहिक कक्षाएं लगाने की घोषणा की।
अतिथि द्वय ने बच्चों को सहभागिता का प्रमाण पत्र और अभिभावकों को युग साहित्य भेंट किया।
शिविर संचालन में श्रीमती मंजू त्रिपाठी, श्रीमती मीनाक्षी कानडे, श्रीमती आशा सेन ,श्रीमती प्रतिभा परमार ,सुश्री आयुषी गुप्ता ,प्रो.एन के गर्ग,श्री सोनू सोलंकी और श्री नारायण स्वामी ने सराहनीय समय दान दिया।

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