*सिंहस्थ क्षेत्र में बनी कॉलोनियों को सिंहस्थ मुक्त करने और किसानों को सिंहस्थ के बाद ओर पहले व्यवसाय हेतु जमीन उपयोग करने की अनुमति देने की मांग उठी।*
उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र के मकानों को चिन्हित कर तोड़ने के नोटिस देने के बाद शुरू हुए विरोध ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है, प्रशासन ने सिंहस्थ क्षेत्र में आने वाली आधा दर्जन कालोनियों को चिन्हित कर रहवासियों को नोटिस दिए थे ये समस्त वह कालोनियां है प्रशासन के अनुसार वर्ष 2016 के बाद बनी होने के चलते चिन्हित की गई जबकि वर्ष 2016 से पहले सिंहस्थ क्षेत्र में आने वाली बस्तियों को प्रशासन ने अपने स्तर पर ही छोड़ दिया।
प्रशासन की कार्यवाई को देख रहवासियों की समिति द्वारा विरोध शुरू किया गया था जो एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है।कांग्रेस नेता गजेंद्र मारोठिया द्वारा एक बार फिर रहवासियों की आवाज को भोपाल तक पहुचाने का जिम्मा उठाया,उज्जैन शहर कांग्रेस ओर समाजसेवियों का एक प्रतिनिधि मंडल आज पिपलिनाका चौराहे से भोपाल नगरीय प्रशासन विभाग स्व मिलने और 8 मई तक लगने वाली दावे आपत्ति लगाने पहुँचा।
प्रतिनिधि मंडल की मांग है कि सिंहस्थ क्षेत्र में आने वाले मकानों को सिंहस्थ से मुक्त किया जाए वही किसानों की जमीन को 12 साल में आने वाले सिंहस्थ के बाद 11 वर्ष तक व्यवसाय करने दिया जाए।
आज कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल में विधायक महेश परमार,मुकेश भाटी,माया राजेश त्रिवेदी,विवेक यादव,देवेंद्र पाटनी,राहुल भाटी,ललित मीणा,राहुल पटेल, आशीष पांचाल ,लीलाधर यादव,राजेश बादली आदि पिपलिनाका क्षेत्र में उपस्थित रहे ओर जनता को संबोधित किया वही चार सदस्य दल भोपाल रवाना हुआ।
जानकारी गजेंद्र मारोठिया ने दी