*केन्द्रीय जेल में गूंजेगा गायत्री महामंत्र बंदी करेंगे मंत्र जप, लेखन*

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*केन्द्रीय जेल में गूंजेगा गायत्री महामंत्र बंदी करेंगे मंत्र जप, लेखन*
समस्त कठिनाइयों का एक ही उद्गम है- मानवीय दुर्बुद्धि। जिस उपाय से दुर्बुद्धि को हटाकर सद्बुद्धि स्थापित की जा सके, वही मानव कल्याण का विश्वशांति का समाधानकारक मार्ग हो सकता है। गायत्री महामंत्र का अंतिम चरण- *धियो यो न :प्रचोदयात्* हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करने की प्रार्थना करता है। इस प्रकार गायत्री महामंत्र सद्बुद्धि प्रदायक है ,जो समस्त समस्याओं का समाधान भी देता है । इसी सूत्र को लेकर गायत्री परिवार की एक टोली जिसमें श्री प्रेम लाल कुशवाहा ,श्री महेश ठाकुर श्रीमती कंचन कंथारिया शामिल थीं भैरुगढ़ जेल उज्जैन पधारी। इन्होंने भेरूगढ़ जेल में बंदियों को गायत्री महामंत्र जप एवं लेखन का संकल्प कराया। आयोजन में सर्वप्रथम जिला समन्वयक देवेन्द्र श्रीवास्तव ने बंदियों से अच्छाई ग्रहण करने के पूर्व बुराई छोड़कर खाली जगह बनाने के लिए एक एक बुराई छोड़ने का संकल्प कराया। बंदियों ने अक्षत लेकर संकल्प पूर्वक अपनी एक एक बुराई भगवान महाकाल को समर्पित की और आजीवन इसे छोड़ने के लिए प्रतिज्ञाबद्ध हुए। जेल स्टाफ को गायत्री मंत्र बजने बाले बाक्स और मंत्र लेखन पुस्तिकाएं बंदियों को उपयोग करने के लिए भेंट की। अधीक्षिका सुश्री उषा राज ने जेल में बंदियों की आत्म उत्कर्ष के लिए गायत्री परिवार के परिजनों का आवाहन
किया कि यहां पर इस तरह की गतिविधियां चलाते रहें जिससे बंदियों को मानसिक शांति मिले तथा यहां से निकलने के बाद उत्साह उमंग के साथ नया जीवन जिएं। गायत्री शक्तिपीठ उज्जैन के श्री एम एल रणधवल, श्री सुभाष गुप्ता, श्री अल्केश पटेल जी ने भी इस अवसर पर बंदियों को प्रेरक उद्बोधन दिए।
कुछ बंदियों ने गायत्री महामंत्र जप से आत्मशांति मिलने के संस्मरण भी बत

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