माननीय उच्च न्यायालय मप्र द्वारा पारित समापन आदेश दिनांक 06.01.1996 के अनुसरण में परिसमापन के अधीन है कंपनी याचिका 12/92 इन्दौर हाईकोर्ट उज्जैन गिल मजदूर संघ ने परिसमापन कार्यवाही में अपने 4353 श्रमिकों के क्लेम प्राथमिकता दी जाने आधिकारिक परिसमापक और माननीय उच्च न्यायालय अनुमोदित किया गया है। इसके अलावा क्लेम की राशि कि वसूली के लिए आवेदक संघ ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष निरंतर कानूनी कार्यवाही की, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कंपनी याचिका 12/92 में अधिकारिक परिसमापक को अनुमति देने का आदेश दिनांक 12/01/2004 पारित किया। आगर रोड उज्जैन स्थित कंपनी की जमीन को परिसमापन में बेचने के लिए श्रमिकों की बकाया राशि का भुगतान कंपनी की भूमि की बिक्री से परिसमापन के तहत किया जाना था। हालांकि, राज्य सरकार मप्र माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर की एक खंडपीठ के समक्ष अपील 2/2004 को प्राथमिकता देते हुए विदवान एकल पीठ के आदेश दिनांक 12.01.2004 को चुनौती दी 2004 की उक्त अपील की संख्या 2 को माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ने अपने आदेश दिनांक 12.04.2017 को दावा खारिज कर दिया है। इस स्तर पर भी आवेदक श्रमिकों के दावों का भुगतान नहीं किया जा सका क्योंकि उज्जैन मिल मजदूर संघ के द्वारा अपने एडवोकेट धीरज सिंह पंवार के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में के.वी.एट आवेदन प्रस्तुत किया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिनांक 27.02.2019 को अंतिम आदेश पारित किया कि परिसमापक विनोद मिल की भूमि जिला कलेक्टर को देंगे इसके पालन में तत्कालीन तहसीलदार श्रीकांत शर्मा ने 28-03 2019 को आगर रोड स्थित विनोद मिल की 90 बीघा जमीन परिसमापकों के प्रतिनिधि राहुल पगारे व राजेश अग्रवाल से कब्जा लिया। 27.02.2019 के आदेश में कहीं भी नहीं लिखा है कि भूमि को विकय कर भुगतान किया जाएगा। जिसके तहत मध्य प्रदेश की राज्य सरकार को 57.24.94583 रूपये की बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। 4 प्रतिशत एवं 2 प्रतिशत साधारण ब्याज की 2 वर्ष की अवधि के भीतर भुगतान श्रमिका को किया जाना था जो नहीं किया। दिनांक 16.03.2021 उज्जैन मिल मजदूर संघ ने अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह भदौरिया ने अपने वकील धीरज सिंह पवार के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय अवमानना याचिका प्रस्तुत की थी जिसकी सुनवाई ऑनलाईन 30.07-2021 को जो सुनवाई हुई उसमें मप्र सरकार ने 01 वर्ष अवधि मागी जिसका विरोध हमारे वकील नवीन प्रकाश का विरोध करने पर 10 प्रतिशत मूल और व्याज सहित जमा करने का 04 सप्ताह का निर्देश दिया एवं 06 महिने में संपूर्ण ब्याज सहित भुगतान जमा करें। आगे समय नहीं दिया जाएगा यह भी आदेश में लिख है। इस आदेश के पालन में उज्जैन कलेक्टर द्वारा 10 प्रतिशत इन्दौर हाई कोर्ट में दिनांक 28.08.2021 को जमा किया गया। शेष 88.73.20412 31.01.2022 तक जमा करनी थी जो नहीं की गई। किन्तु आज दिनांक तक श्रमिकों का शेष भुगतान नहीं किया इस कारण एडवोकेट चौरज सिंह पंवार के माध्यम से पुनः टेम्प्ट प्रस्तुत किए। सहयोगी युनियन वस्त्र उद्योग श्रमिक संघ के प्रधानमंत्री प. हरिशंकर शर्मा विनोम मिल मिल बन्दी से निरंतर संघर्ष हर मोरो पर किया जा रहा है। एवं विनाक 30:03.2015 से भूख हडताल धरना एवं प्रदर्शन संयुक्त ट्रेड युनियन द्वारा उज्जैन नगर निगम मेट के बाहर प्रदर्शन किया था जिसमें मच पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिनांक 23 जून 2015 को इसके पूर्व 02 बार मंच पर आकर मजदूरों में घोषणा की कि आप श्रमीको की आना आना पाई दूंगा दिनांक 28 जून 2015 विधायक जी मोहन यादव द्वारा आंदोलन समाप्ती शरबत पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराई। सभी जन प्रतिनिधि एवं वल्लभ भवन में भी मिटिंग के दौरान तात्कालीन मुख्य सचिव डीसूजा व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री पारस जैन विधायक को मोहन यादव और सुलतान सिंह शेखावत केबिनेट दर्जा प्राप्त रमेश शर्मा उज्जैन मिल मजदूर संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह भदौरिया वस्त्र उद्योग के प्रधानमंत्री हरिशंकर शर्मा प्रहलाद यादव रसीद भाई मदनलाल ललावत पूर्व महावीर फूलचंद माना 07 जुलाई 2015 को बल्लभ भवन में प्रतिनिधि मण्डल में चर्चा में विनोद मिल श्रमिकों का भुगतान अतिशीघ्र करेंगे एवं 1500 श्रमिकों की मृत्यु हो गई है और कई गंभीर बीमारी से ग्रस्त है 60-75 की उम्र पार कर चुके है किन्तु आज तक भुगतान नहीं किया। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सज्जन वर्मा ने भी बिनोद मिल के मजदूर का अतिशीघ्र भुगतान उज्जैन कलेक्टर निर्देश दिए।
2022-02-25