“स्व. लाला अमरनाथ स्मृति 58 वें दशहरा महोत्सव का प्रतीकात्मक आयोजन
25 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन और सांकेतिक आतिशबाजी होगी
उज्जैन | शहर के प्राचीनतम दशहरा उत्सव का यह 58 वां वर्ष है और दशहरा मैदान पर स्व. लाला अमरनाथ स्मृति दशहरा महोत्सव 15 अक्टूबर 2021 को प्रतीकात्मक रूप से आयोजित किया जा रहा है। दशहरा मैदान पर होने वाले रावण दहन में कोरोना गाइडलाइन के चलते लोगों और जनसमूह का आना प्रतिबंधित रहेगा |
दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष ओम अमरनाथ खनी ने अनौपचारिक पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. लाला अमरनाथ की स्मृति में विगत 58 वर्षों से यह आयोजन निरंतर किया जा रहा है और कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दशहरा उत्सव सांकेतिक रूप से आयोजित किया जा रहा है। प्राचीनकाल से ही दशहरा मैदान में यह उत्सव मनाये जाने की परम्परा रही है और किन्हीं कारणों से कुछ वर्षों तक रावण दहन का आयोजन नहीं हो पाया था तब प्रख्यात समाजसेवी स्व. लाला अमरनाथ जी ने वर्ष 1963 में इसे पुनर्जीवित किया और तब से यह आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।
दशहरा उत्सव समिति के सचिवद्वय मनीष शर्मा एवं शिवा ओमप्रकाश खत्री ने बताया कि प्रशासन के निर्देशों के अनुसार इस वर्ष केवल 25 फीट ऊँचे रावण का निर्माण किया जा रहा है। आयोजन में आम नागरिक सम्मिलित नहीं हो सकेंगे क्योंकि गाइडलाइन के चलते सांकेतिक रूप से रावण दहन किया जायेगा। आतिशबाजी भी सांकेतिक ही होगी। भगवान् श्री राम लक्ष्मण की सवारी दशहरा मैदान आयेगी जिसका पूजन कलेक्टर महोदय एवं पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा किया जायेगा | लाइव रावण दहन कार्यक्रम देखने के लिए शहरवासियों के लिए लिंक जारी की जायेगी। पत्रकार वार्ता में समन्वयक डा प्रकाश रघुवंशी, दिनेश दिग्गज ● अशोक खत्री कोमल खत्री, अश्विन खत्री अमित खत्री रोबिन चोपड़ा अमरनाथ सुगंधी, विकास जायसवाल, रीटू बग्गा डा हरीशकुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
क्षिप्रा तट पर प्रतिकात्मक पारम्परिक वेशभूषा वाले 11 फीट वाले रावण के पुतले का दहन होगा।
उज्जैन। पुण्य सलिला माँ क्षिप्रा के पावन तट पर स्थित कार्तिक मेला प्रांगण में विजयादशमी महोत्सव के अन्तर्गत प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 15 अक्टूबर 2021 शुक्रवार को रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
स्व. श्री प्रेमनारायण यादव की स्मृति में विजयादशमी महोत्सव समिति के सचिव चेतन प्रेमनारायण यादव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पिछले दो वर्ष से कोरोना संक्रमण की महामारी सभी के मन मसतिष्क को झकझोर देती है हम सभी ने अपने किसी ईष्ट मित्र एवं प्रियजन को अपनी आँखों के सामने ओझल होते देखा है।
इस वैश्विक संकट की घड़ी में भी हम अपनी धार्मिक परम्पराओं और मान्यताओं का स्मरण कर ही इस तरह की विपदाओं पर विजय पाते रहे है। इस वर्ष भी दत्त अखाड़ा स्थित कार्तिक मेला प्रांगण पर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रावण दहन की परम्परा संक्षिप्त रूप में होगी। कोरोना गाईड लाईन नियमों के तहत प्रतिकात्मक रूप से परम्परा का निर्वाहन किया जावेगा। निश्चत ही इससे हमारे उत्सव, उल्लास में कोई कमी नहीं आवेगी किन्तु अभी हम सभी सुरक्षित रहे यही सबसे जरूरी
रावण के पुतले का निर्माण सुप्रसिद्ध कलाकार रामललखन कहार द्वारा किया जा रहा है।
भगवान श्रीराम लक्ष्मण की सवारी व देवगुरु बृहस्पति महाराज की पालकी का पूजन परम्परानुसार संभागायुक्त महोदय श्री संदीप जी यादव सा. एवं नगर निगम के आयुक्त श्री अंशुल जी गुप्ता सा. करेंगे । पूजन विधि पंडित आशीष गुरू सम्पन्न करायेंगे।
उल्लेखनीय है कि पंडित श्री आन्नदशंकर व्यास एवं स्वं पं. श्री राधेश्याम जी उपाध्याय की प्रेरणा से उप महापौर स्व. श्री प्रेमनारायण यादव समिति के सदस्यों ने नागरिकों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 1983 से इस आयोजन की शुरूआत की गई ।