*”सफलता की कहानी” श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ बिछड़ों को भी मिला रही एसडीआरएफ*
उज्जैन 13 अगस्त।शुक्रवार एसडीआरएफ/होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट श्री संतोष कुमार जाट ने जानकारी दी कि शुक्रवार को नागपंचमी के पर्व पर सुबह से ही रामघाट पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी। इस दौरान इलाहाबाद निवासी आशीष की पत्नी सात वर्षीय बालिका रशिका के साथ रामघाट पर स्नान करने आई थी। स्नान उपरान्त बच्ची का हाथ मां से छूटने के कारण बच्ची मां से बिछड़ गई और रोने लगी।
बच्ची को रोता हुआ देखकर घाट पर तैनात एसडीआरएफ के जवान सनी परमार, धर्मेन्द्र डाबी और भेरूलाल ने बच्ची से रोने का कारण पूछा तो घबराई हुई बच्ची ने मां से बिछड़ने की बात कही। बच्ची को एसडीआरएफ के जवान घाट पर तैनात एसडीआरएफ प्रभारी प्लाटून कमांडर श्रीमती शीला चौधरी के पास पहुंचे।
प्लाटून कमांडर ने बच्ची के माता-पिता का नाम और मोबाइल नम्बर की जानकारी हासिल करना चाही तो बच्ची और भयभीत हो गई। इस पर होमगार्ड के द्वारा उसे प्यार से समझाकर भरोसा दिलाया गया कि तुम्हारे माता-पिता तुम्हे नहीं डाटेंगे। तब जाकर रशिका ने अपने पिता आशीष का नाम और मोबाइल नम्बर प्रभारी प्लाटून कमांडर को दिया। इस पर कॉल करके रशिका का माता का मोबाइल नम्बर प्राप्त कर रशिका की मां से बात की और रामघाट चौकी पर बुलाकर रशिका को मां के सुपुर्द किया। बच्ची को पाकर मां की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। इस सराहनीय कार्य की घाट पर मौजूद सभी व्यक्तियों द्वारा प्रशंसा की गई।