सिंहस्थ के नाम पर किसानों को बर्बाद करने पर तुली भाजपा, महाकाल में हो रहा भ्रष्टाचार भाजपा सरकार में बैठे लोग शिप्रा, नर्मदा को भी नहीं छोड़ रहे धार्मिक नगरी में शराबबंदी केवल धोखा, कई जगह खुलेआम बिक रही शराब

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उज्जैन। अखिल भारतीय कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान को मूर्त रूप देने उज्जैन आए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं जिला कांग्रेस संगठन सृजन अभियान पर्यवेक्षक नदीम जावेद ने भाजपा सरकार को दोगली नीति वाली पार्टी करार दिया। नदीम जावेद ने कहा किसान हितैषी बताने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार सिंहस्थ जैसे धार्मिक आयोजन के नाम पर किसानों को बर्बाद कर भूमाफियाओं का भला करना चाहती है, धर्म के नाम पर वोट मांगने वाली भाजपा त्रिलोकीनाथ बाबा महाकाल के मंदिर में भ्रष्टाचार से नहीं चूक रही, धार्मिक नगरी के नाम पर शराबबंदी करने वाली मध्यप्रदेश सरकार में ही शहर की सीमा पर शराब बिकवाई जा रही है। शिप्रा के नाम पर करोड़ों बर्बाद कर देने वाली भाजपा घाटों की काई तक साफ नहीं करा पा रही, आए दिन लोग फिसलकर घायल हो रहे मर रहे है।
नदीम जावेद ने कहा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा संगठन सृजन अभियान के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओ से संवाद उनकी राय को प्राथमिकता देकर संगठन का निर्माण और सक्रिय साथीयों को पार्टी में प्राथमिकता देकर संगठन को और गतिशील बनाया जावेगा। इसे पार्टी ने संगठन सृजन अभियान का नाम देकर इसकी शुरूआत गुजरात राज्य से की हैं, इसके पश्चात् अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा इसे मध्य प्रदेश से प्रारंभ किया गया, इसके तहत मध्य प्रदेश के सभी कांग्रेस संगठनात्मक जिलो में केन्द्रीय पर्यवेक्षक बनाये गये इसके तहत उज्जैन जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेतु चयन सक्रिय की शुरूआत की गई जिसमें जिला स्तर, ब्लॉक स्तर, पंचायत स्तर, के कार्यकर्ताओ से संवाद स्थापित करना अभियान के उद्देश्य परिणाम के संदर्भ में चर्चा एवं संवाद करना जिला स्तर के अधीन संगठनो, विभागो एवं प्रकोष्ठो की कमेटियो से संवाद करना भी सम्मिलित हैं।1800 किसान एवं उन पर आश्रित 25,000 लोग होंगे बेरोजगार नदीम जावेद ने कहा उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व किसानो की निजी जमीन पर आयोजित होता रहा, 4 माह के लिये शासन द्वारा भूमि को अधिग्रहण किया जाता हैं और फसलो का मुआवजा दिया जाता रहा। सिंहस्थ अधिनियम 1955 अनुसार सिंहस्थ भूमियों पर स्थाई निर्माण नहीं किया जाता। वर्तमान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानो की लगभग 2300 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जा रही हैं जिससे लगभग 1800 किसान एवं उन पर आश्रित 25,000 लोगो के जीवन यापन एवं उनको बेरोजगार किया जा रहा हैं, उक्त भूमि पर धर्म, योगा अस्पताल, शैक्षाणिक संस्थाओ के नाम पर भू-मॉफियाओ को बेचा जावेगा, किसानो के साथ स्थानीय विधायक श्री परमार एवं शहर कांग्रेस कमेठी उज्जैन उनके हर आंदोलन में उनके साथ खडी हैं, मध्यप्रदेश सरकार का यह कृत्य किसान विरोधी हैं। इसी के साथ विक्रम उद्योगपुरी क्षेत्र में सेकडो हेक्टेयर जमीन किसानो से पूर्व में ले ली गई थीं, परन्तु फिर वापस और उद्योगो के स्थापित हेतु पुनः किसानो से जमीन ली जा रही हैं और इन क्षेत्रो की भूमि विक्रय की कलेक्टर गाईड लाईन को नहीं बढाया गया जिससे किसान बेरोजगार हो रहें हैं और उन्हे पर्याप्त मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा हैं।धार्मिक शहर में शराब बंदी मात्र दिखावा नदीम जावेद ने शहर के धार्मिक महत्व को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री प्रतिबंधित की, परन्तु जब श्रद्धालु और दर्शनार्थी उज्जैन सीमा में प्रवेश करते हैं तो वह शराब की दुकानो के बाहर सेकडो और कभी-कभी तो हजारो लोगो को सडक पर बैठकर शराब पीते देखते हैं।बिना मुआवजे के ध्वस्त किये जा रहे आशियाने मार्ग चौडिकरण में भवनो का अधिग्रहण शहर में विकास कार्यों की आड में सेकडो भवनो को बिना मुआवजे के ध्वस्त किया जा रहा हैं, शहर में हजारो लोगो को बेघर किया जा रहा हैं, उनकी कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कि जा रही हैं।श्री महाकाल मंदिर निर्माण कार्य एवं दर्शन व्यवस्था में हो रहा भ्रष्टाचार
देश के प्रमुख ज्योर्तिलिंग श्री भगवान महाकालेश्वर मंदिर परिसर में विकास कार्यों में सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो की गुणवत्ता विहीन कार्यो जिसमें सप्तऋषियों की मूर्तिया गिरने, पाषण की प्रतिमाओ की जगह प्लास्टिक एफओबी मूर्तियाँ लगाना, निर्माण के दौरान दीवाल गिरने जिसमें लोगो की मृत्यु होना, बनाये गये ब्रिज और रेलिंगो में क्रेक आना, दर्शनार्थीयो के दर्शन में पैसे लेने की घटनाए प्रतिदिन होना, मंदिर में कार्यरत कर्मचारियो द्वारा भस्मारर्ती के नाम पर ठगी करना पैसे लेकर भस्मारर्ती कराना, दर्शनार्थीयो से दुव्यवहार अनेक शिकायते हैं जो सरकार की शैली पर प्रश्न चिन्ह लगाती हैं।
शिप्रा नदी एवं नर्मदा नदी में ड्रायवर्शन के नाम पर करोड़ों बर्बाद
धार्मिक शहर की नदी मॉ शिप्रा जिसका वर्णन पुराणो में मिलता हैं और सभी नदीयों में जिसका महत्व सबसे अधिक हैं, उस नदी में इन्दौर शहर का सिवरेज का गन्दा पानी 50 वर्षों से मिल रहा हैं, इसके शुद्धीकरण के नाम पर मध्य प्रदेश भाजपा सरकार ने इन्दौर की खान नदी के डायवर्शन कर पाईप लाईन डाली जिसकी लागत 200 करोड थीं, वह लाईन बंद हैं, और इन्दौर के सिवरेज का गन्दा पानी मोक्षदायनी मॉ शिप्रा में मिल रहा हैं, श्रद्धालु शिप्रा स्नान कैसे करते है। इसी के साथ मॉ नर्मदा नदी को उज्जैन लाकर शिप्रा में लिंक किया परन्तु पानी नहीं ला पाये उक्त योजना भी 400 करोड के लगभग थीं। इसी प्रकार प्रदेश की भाजपा सरकार नर्मदा जी और शिप्रा जी को भी भ्रष्टाचार में नहीं छोड रहीं हैं।
जमीनी स्तर पर कार्य :- बैठक में संगठन को मजबूत करने जमीनी स्तर पर सक्रियता बढाने पर जोर दिया गया। पार्टी में अगले एक साल तक के लिए आंदोलन और कार्ययोजना की रूपरेखा तैयार की, जिसमें ‘जय भीम, जय संविधान’ अभियान को 26 जनवरी 2025 तक और 2026 तक विभिन्न आंदोलनो को सम्मिलित किया गया।
नेतृत्व और रणनीति संगठन में बड़े बदलाव की जरूरत पर सहमति बनी राज्य में जीत के लिए अलग-अलग गतिविधियाँ बनाने और 2027 के गुजरात चुनाव को पूरी ताकत से लडने का फैसला हुआ।
कार्यकर्ताओ से संवाद : राहुल गांधी की भारत जोडो के मॉडल को अगले आम चुनाव तक जारी रखने की बात कही गई, ताकि कार्यकर्ताओ से बेहतर संवाद स्थापित हो।
आंतरिक सुधार :- वरिष्ठ नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व तक कार्यक संतर्ताओं की पहुंच बनाने हेतु निर्णय लिया गया हैं। अर्थात माननीय राहुल गांधी से भी जिला अध्यक्ष अथवा उनकी कार्यकारणी कभी भी मिल सकेगीं।

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