उज्जैन। होली के 5 दिन बाद कृष्ण पक्ष की पंचमी को हम रंग पंचमी के रूप में मनाते है । रंगपंचमी को बड़े ही हर्ष और उत्साह के साथ देश और प्रदेश भर में मनाया जाता है। शास्त्रों में उल्लेखित है कि पहली बार भगवान कृष्ण ने राधा के संग कृष्ण पक्ष की पंचमी पर होली खेली थी तब धरती पर देवता गण भी कृष्ण व राधा को देख उनके साथ होली खेलने आए थे । तब से ही भगवान की भक्ति और कृष्ण राधा के प्रेम में सराबोर होकर भक्त रंगपंचमी पर एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर होली खेलकर यह उत्सव मनाते आए है । परंपरा गत आज भी देव गण होली खेलने कृष्ण राधा के मंदिर में जाते है । इसी कारण कृष्ण के मंदिरों में रंगपंचमी की धूम रहती है । स्वर्णिम भारत मंच द्वारा उज्जैन में भी आज गोपाल मंदिर द्वारकाधीश के आंगन में रंगपंचमी पर मालवी रापट रोलिया का अनोखा आयोजन प्रातः 9 बजे से किया जाएगा ।
स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि रंगपंचमी पर आज कृष्ण के द्वार पर खोली जाए तो इसका आनंद ही कुछ और है यूं ही नहीं कहा जाता है कि मथुरा वृंदावन की होली पूरे देश में प्रसिद्ध है । अब हमारे उज्जैन के गोपाल मंदिर पर भी धीरे-धीरे रंग पंचमी का उत्सव पूरे उत्साह से मनाया जाने लगा है ।
सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए रापट रोलिया……..
आज के दिन जहां भगवान कृष्ण ने अपनी राधा के साथ होली खेली थी । भगवान कृष्ण के आंगन में जो लोग होली खेलते हैं उनके जीवन में नकारात्मकता से सकारात्मक का प्रवेश होता है देवता गण भी खुश होते हैं यह रंगों का ही त्यौहार नहीं है बल्कि आप सी प्रेम समर्पण और विश्वास का प्रतीक है हम सब एक दूसरे के रंग में रंग कर अपनेपन का भाव है उसे नीचे को खत्म करता है । स्वर्णिम भारत मंच ने ऐसा प्रयास आज से दशक पूर्व शुरू किया था जब हमारे पुराने शहर गोपाल मंदिर से होली खेलने जैसा प्रसंग ना के बराबर था जब कार्यक्रम की शुरुआत की गई तब मुट्ठी पर लोग भगवान कृष्ण के आंगन में होली खेलने आते थे लेकिन अब बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे युवतियां और युवा भी बड़ी जोर-शोर से होली खेलते हैं।स्वर्णिम भारत मंच का प्रयास गोपाल मंदिर जैसी सांस्कृतिक धरोहर पर रौनक बनी रहे । नगर निगम को धन्यवाद .गोपाल मंदिर पर होली का उत्सव में चार चंद तब लग गए जब महापौर मुकेश टटवाल ने नगर गैर का समापन इसी स्थान पर करना शुरू किया है । कार्यक्रम संयोजक जयंत सिंह गौर कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वर्णिम भारत मंच नगर गैर के स्वागत करेगा ।
2025-03-18