उज्जैन 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर मनाएंगे पिता-पुत्र दिवस, त्रिवेणी से निकालेंगे सूर्यदेव की पालकी यात्र आयोजन : त्रिवेणी संगम पर वर्ष में एक बार सूर्य की उपासना

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उज्जैन 14 जनवरी मंगलवार मकर संक्रांति के पावन पर्व पर इंदौर रोड स्थित शनि नवग्रह मंदिर, त्रिवेणी से सूर्य देव की पालकी यात्रा निकाली जाएगी इस दिन को पिता-पुत्र दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
आयोजन का उद्देश्य पिता-पुत्र के रिश्तों में सामं जस्य बैठाने और ■ मिठास बढ़ाने का संदेश देना है। ■कार्यक्रम के अंतर्गत शनि नवग्रह – मंदिर त्रिवेणी से सुबह 11 बजे सूर्य देव की पालकी यात्रा शुरू होगी।- इसमें बड़ी संख्या में उपासक, बटुक और ब्राह्मणों के साथ भक्त सहभागिता करेंगे। आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई है।-त्रिवेणी संगम तक जाएगी पालकी, पूजन-अर्चन होगा मकर संक्राति मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना का पर्व माना जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में 108 बटुक, ब्राह्मण आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करेंगे। सूर्य देव को पालकी में विराजमान कर त्रिवेणी संगम पर ले जाया जाएगा। संगम परे आचमन और पूजन किया जाएगा। कृष्णा गुरुजी मिश्रा ने बताया मकर संक्रांति पर सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश का खगोलीय और आध्यात्मिक महत्व है। इस पर्व पर सूर्य (पिता) और शनि (पुत्र) के आपसी रिश्तों से प्रेरित होकर यह संदेश दिया जाएगा कि पारिवारिक रिश्तों में मतभेदों के बावजूद एकता और मिठास बनी रहनी चाहिए। सूर्य देव का गुड़ और शनि देव का तिल मिलकर एकता और सामंजस्य का प्रतीक है।
बटुक-ब्राह्मण अपने पिता के चरण पूजेंगे शनि नवग्रह मंदिर से सुबह पालकी यात्रा निकाली जाएगी, जो ढोल-ताशों के साथ त्रिवेणी संगम तक जाएगी। इसके बाद पिता-पुत्र मिलन और पाद पूजन का आयोजन किया जाएगा। इसमें बटुक, ब्राह्मण अपने पिता के चरण पूजेंगे। इससे रिश्तों में मधुरता का संदेश दिया जाएगा। यज्ञ और मंत्रोच्चार से पिता-पुत्र के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए सूर्य-शनि मंत्रों के साथ यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। आयोजन के क्रम में महाआरती के बाद महाप्रसादी का लाभ ले सकेंगे।

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