*क्षिप्रा प्रदूषण मुक्त को लेकर क्षिप्रा उद्गम से संगम तक क्षिप्रा अध्ययन यात्रा की रिपोर्ट पर NGT नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल चल रही याचिका के निर्णय को लेकर शिप्रा के पदूषण पर NGT ने दिया निर्णय जल प्रदूषण को मानव वध एवं हिंसक अपराध माना सचिन दवें. निजी होटल में पत्रकारों को जानकारी देते हुऐ बताया

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उज्जैन शिपा को प्रदूषण मुक्त एवं सतत जल प्रवाह के उद्देश्य से शिप्रा अध्ययन यात्रा शिप्रा के उद्‌गम से शिधा के संगम शीपावरा तक 280 किलोमीटर यात्रा की। वर्ष तक अध्ययन एवं उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर, NGT में याचिका लगाई जिसमें 28 पक्षकार बनाए थे लगातार चल रही सुनवाई में NGT ने उज्जैन इंदौर देवास और रतलाम जिले के कलेक्टरों की रिपोर्ट है नोडल एजेंसी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट कोर्ट कमिश्नर द्वारा शिप्रा की वस्तुतः स्थिति पर विस्तृत निर्देश 10 नवंबर 2023 को शिप्रा नदी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए सजान लेते हुए एक महत्वपूर्ण विस्तृत आदेश पारित किया गया ट्रिब्यूनल ने नदी के आसपास अतिक्रमण पर्यावरण कानून एवं नियमों के उल्लंघन एवं विभिन्न योजना का क्रियान्वयन आ रही देरी में चिंता व्यक्त करते हुए इसे मानव वध एवं हिंसक अपराध माना क्योंकि इसके परिणाम आने वाली पीढियां को भुगतना पड़ेंगे ट्रिब्यूनल ने भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना गंगा का विभाज्य अंगमाना संज्ञान लेते हुए एक महत्वपूर्ण विस्तृत आधे आदेश में पारित किया गया इसके उपलब्ध में नदी के आसपास अतिक्रमण पर्यावरण कानून एवं नियमों के उल्लंघन एवं विभिन्न योजना का क्रियान्वयन आ रही गहन चिंता व्यक्त करते हुए इसे मानव वध एवं हिंसक अपराध मानना क्योंकि इसके परिणाम आने वाली पीढिया को भुगतना पड़ेंगे गंगा संरक्षण 2016 के अधीन भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना गंगा का विभाज्य अंगमाना माननीय न्यायाधीश शिवकुमार सिंह एवं डॉ अफरोज अहमद की खंडपीठ ने यह निर्देशित किया की शिप्रा नदी के संरक्षण की निगरानी की जिम्मेदारी अधिकारियों पर है एवं नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन हेतु औ‌द्योगिक एवं घरेलू कचरे को नदियों के जल में मिलने से रोकने के लिए बड़े कदम उठाने की जरुरत है एवं नियमों का उल्लंघन होने पर मुआवजे के निर्धारण से संबंधित दिशा निर्देश दिए हैं इन्होंने यह निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार राज्य स्तर पर नदी पुन स्थापना समिति इसी प्रकार से है जिस प्रकार से गंगा नदी संरक्षण सुरक्षा प्रबंध आदेश 2016 में निर्देशित किया है
• चारों जिलों के कलेक्टर को नदी जल सोत के बाद मैदानी क्षेत्रों पर अतिक्रमण रोकने नदी तल एवं बाढ़ के मैदानी क्षेत्रों का सिमाकन एवं सुरक्षा हेतु उचित कारवाई को दो दिए इस हेतु कानूनी कार्रवाई एवं मुआवजा आरोपित करने के निर्देश दिए साथ ही नदी में शामिल जिला कि निर्देश दिए कि STP सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट सीईटीपी कामन ट्रीटमेंट प्लांट ११० आवश्यकता कानून अनुसार उनका राज्य स्तरिय निगरानी समिति को सूचित करें एवं उनके परिचालक के निर्देश दिए साथ ही एसटीपी ईटीपी के रखरखाव हेतु ऑपरेटर की कार्य की निगरानी सुनिश्चित करने का भार एवं प्रक्रिया कलेक्टरों एवं राज्य निगरानी समिति द‌द्वारा की जाएगी प्रदूषण करने वाले उद्‌द्योगों पर मुआवजा की कार्रवाई के निर्देश
राज्य सरकार की शहरी स्थानियों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु उन तकनीकी उपलब्ध करानाएवं आवश्यक धनराशि की भी उपलब्ध कराना
*अनौपचारिक अपशिष्ट किसी भी जल स्रोतों में ना मिले इस हेतु राज्य स्तर पर मुख्यसचिव एवं राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय निगरानी समिति इस कार्य की प्रगति का समय पर अवलोकन करें एवं इस सबंध में शिकायती का पंजीकरण हेतु नियमित करें केंद्रीय निगरानी समिति जैव विविधता उ‌द्यान की स्थापना जिसका विवरण खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत करें
प्रशासन शहरों गांव में। जन जागरण करे
* STP समय अवधि में पूरा करे कान नदी के जल का उज्जैन नगर पालिका क्षेत्र से परिवर्तन नगर परिषद आलोट एवं महिदपुर के लिए अपशिष्ट प्लांट के काम करना
अमृत 2.0 नमामि गंगे फेस एक दो के अंतर्गत प्रस्तावित कार्य किया जाऐ उज्जैन देवास रतलाम इंदौर क्षेत्र में STP का पूर्व क्रियान्वन एवं नदियों के तट पर सगनवृक्षारोपण एवं उसकी जिओ टेकिंग का निर्देश
पीसीबी को निगरानी रखने एवं कार्रवाई के आदेश दिए उपरोक्त निर्देश का अनुपालन की जिम्मेदारी पर्यावरण शहरी विकास विभाग के सचिव मेंबर सचिन PCB एवं नर्मदा एवं शिप्रा नदी के तट पर स्थित जिलों के जिला कलेक्टरको दी

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