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सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देव जी के 55 वे प्रकाश पर्व पर शिप्रा तट गुरु नानक घाट उजास 2 दिन से चल रहा है

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उज्जैन सिख धर्म के प्रवर्तक श्री गुरु नानक देवजी के 554वें प्रकाश पर्व का उजास दो दिन से शिप्रा तट स्थित गुरुनानक घाट पर फैल रहा है। दूसरे दिन सोमवार को गुरु ग्रंथ साहिबजी के सामने दीवान सजाया। अच्छे कर्म करो, बांटकर खाओ का संदेश दिया गया। दिनभर लंगर में सेवा देने बालों में होड़ लगी रही। सिख समाज के संभागीय प्रवक्ता एसएस नारंग के अनुसार सोमवार को गुरु नानक घाट पर सुबह 9 बजे अखंड पाठ की समाप्ति हुई। सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक गुरबाणी कीर्तन किया गया। साथ ही गुरमत विचार का आयोजन हुआ। इसके बाद लंगर की सेवा की गई। दो दिन में लोगों ने प्रसाद ली। रात्रि दीवान के तहत शाम 6.30 बजे से 7 बजे तक रहीरास का पाठ किया गया। शाम 7 बजे से रात 1.20 बजे तक इच्छपाल सिंघ हजूरी रागी, श्री दरबार साहिब, गुरराज सिंह प्रचारक अमृतसर, ज्ञानी सुरजीत सिंह हेड ग्रंथी गुरुद्वारा गुरु नानक घाट गुरबाणी कीर्तन करेंगे। शाम 7 बजे दीपमालाएं सजाई गई। साथ ही आतिशबाजी की गई। गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व पर गुरुनानक घाट • पर दीवान सजाया। शाम को आतिशबाजी की गई।
दो दिनी उत्सव में यह संदेश भी दिए
रक्च्छता: नगर कीर्तन के दौरान, लंगर और गुरुद्वारा परिसर में हजारों की संख्या में लोगों के आने के बाद भी सफाई दिखाई दी। सेवा: लंगर, जोड़ी घर के साथ सभी कार्यक्रमों में सेवा की होड़ दिखाई दी। छोटे-बड़े, महिला-पुरुष सभी सेवा में जुटे रहे।
35 हजार लोगों ने ग्रहण किया लंगर
गुरु नानक देवजी के प्रकाश पर्व पर गुरु नानक घाट पर 24 घंटे की लंगर की सेवा की गई। नारंग के अनुसार इसमें सभी वर्ग, जाति, समुदाय के लोगों ने लंगर ग्रहण किया।
युवा पीढ़ी ने संभाली व्यवस्थाएं
गुरुनानक घाट पर संत बाबा कश्मीर सिंघजी भूरीवाले के मार्गदर्शन में युवा पीढ़ी ने प्रकाश पर्व पर दो दिनी उत्सव की सभी व्यवस्थाएं संभाली। सुखविंदर सिंघ खनूजा, गोविंद सिंघ गिल, रमणदीप सिंघ वाधवा, राजवीर सिंघ, हरमीत सिंघ, बलविंदर सिंघ नील सहित बड़ी संख्या में युवाओं ने सेवा कार्य किए।

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