नाम- रामेश्वर बांबीवाल, आरोप- छत्री चौक पर ठेला लगाकर व्यापार कर रहा था, मनमानी- निगम की अतिक्रमण गैंग के प्रभारी आशिक पहलवान ने बेटे और उसे पीटा, अगले दिन- फिर आशिक पहुंचा और पीटना शुरू कर दिया, व्यापारी इतना सहम गया कि जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले बोला… आशिक ने मेरी जान ले ली। यह घटना 26 अगस्त की है। मृतक के परिजनों और लोगों ने शव रख आरोपी निगमकर्मी पर कार्रवाई की मांग की। घटना के तीन दिन बाद मंगलवार तक अतिक्रमण गैंग प्रभारी पर कार्रवाई नहीं हुई तो समग्र हिंदू समाज के नेतृत्व ठेला व्यापारी के मामले में थाने के बाहर चक्काजाम किया, तब जाकर दर्ज हुआ प्रकरण। हिंदू संगठन के लोग छत्री चौक पर धरने पर बैठ गए। सुबह 10.30 बजे छत्री चौक पर मृतक ठेला व्यापारी रामेश्वर की तस्वीर लगाकर विहिप जिला मंत्री अंकित चौबे, हिंदू जागरण मंच अर्जुन भदौरिया, रूपेश ठाकुर, शैलू यादव, सोनू जैन, रितेश
माहेश्वरी, गोविंद आहुजा सहित अन्य धरने पर बैठ गए। दोषी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने नहीं सुनी तो दो घंटे बाद सभी खाराकुआं थाने पहुंचे, जहां दो घंटे तक चक्काजाम किया। पुलिस व प्रशासन के अफसर पहुंचे और
निगमकर्मी आशिक के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया। विहिप के जिला मंत्री चौबे ने बताया व्यापार छिनना कहां तक उचित है। दादागिरी हद हो गई। विरोध पर पुलिस ने हमारी बात को सही माना और प्रकरण दर्ज किया।
परिजन ने कहा- पार्षदों ने हटवाए ठेले, लाश पर राजनीति करने आ गए
छत्री चौक क्षेत्र में दो वार्ड लगते हैं। इनके पार्षद रजत मेहता और प्रकाश शर्मा हैं। सुबह जब धरना चल रहा था तो प्रकाश शर्मा भी मौजूद थे। पीड़ित परिवार के लोगों ने आरोप लगाए कि जब छत्री चौक से ठेले गुमटी हटा रहे थे तो दोनों पार्षदों की मुख्य भूमिका थी। पार्षद मेहता के पास हम कई बार गए लेकिन हमारी नहीं सुनी। अब जब एक व्यापारी ने तंग आकर आत्महत्या कर ली तो उसके धरने में शामिल होकर राजनीति करने आ गए l
2023-08-30