श्रीमती शौभा ओझा प्रभारी जिला उज्जैन मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी सज्जन सिंह वर्मा पूर्व मंत्री एवं उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष रवि भदोरिया प्रतिपक्ष नेता रवि राय विक्की यादव देवव्रत यादव अशोक भाटी कुलदीप दुबे आशीष इंदौरा नूरी खान की उपस्थिति में होटल श्री गंगा में पत्रकारों को जानकारी दी

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उज्जैन शहर का मास्टर प्लान विगत दो दिवस पूर्व मध्य प्रदेश शासन ने स्वीकृत किया हैं, यहाँ मास्टर प्लान काफी विवादों एवं आपसी खिचतान के बाद स्वीकृत हो सका उक्त मास्टर प्लान 2035 पर आपत्ती / सुझाव कुल 483 प्राप्त हुए थें। इन आपत्तीयों में आपत्तीकर्ता अ.भा. अखाडा परिषद् रविन्द्रपुरी जी महाराज महामण्डलेश्वर, अतुलेशानंद जी महाराज, रवि राय नेता प्रतिपक्ष, सोनू गेहलोत निगम अध्यक्ष भाजपा, महेश परमार विधायक, पारस जैन पूर्व मन्त्री एवं विधायक भाजपा, सतीश मालवीय पूर्व विधायक भाजपा, सत्यनायाराण चौहान, महाराष्ट्र समाज, माली समाज, पत्रकार सोमानी, जयसिंह ठाकुर, सागर तिरवाल, उमेश चौहान अन्यो की प्रमुख आपत्तीया यहाँ थीं कि सिंहस्थ 2016 में जिन स्थानों पर सिंहस्थ हेतु सेटेलाईट टाउनो का निर्माण किया गया था उन भूमियों को आवासीय नहीं किया जावें और भूमियों को सिंहस्थ हेतु आरक्षित रखा जावें । क्योंकि उक्त भूमियाँ सिंहस्थ मेला अधिनियम 1999 एवं 1955 की धारा 1 उपधारा (2) के तहत प्राप्त शाक्तियों का उपयोग करते हुए सेटेलाईट टाउन हेतु मेला क्षेत्र घोषित किया गया था, और इस संबंध में मध्य प्रदेश राजपत्र में दिनांक 26 दिसम्बर 2014 को भी अधिग्रहण हेतु प्रकाशित किया गया था। सबसे ज्यादा उपयोगी सेटेलाईट टाउन जो की दाउदखेडी इन्दौर रोड पर स्थित था (सिंहस्थ बायपास) जिसमें कुल 148.679 हेक्टर भूमि अधिगृहित की गई थीं, एवं शहर के समस्त सेटेलाईट टाउन हेतु कुल अधिगृहित भूमि 352.915 की गई थीं। जिन्हें वर्तमान मास्टर प्लान में आवासीय कर दिया गया हैं, और किसी भी संत महात्मा, राजनैतिक जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों, पत्रकार बंधुओ, की आपत्तीयो को दरकिनार कर दिया गया। इसी के साथ शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक आपत्ती पुराने रहवासी क्षेत्र जहाँ कभी सिंहस्थ नहीं लगा वहा के रहवासियों की आपत्ती कि हमारे क्षेत्रों को सिहस्थ क्षेत्र से मुक्त किया जायें जिसकी आपत्ती संख्या 259 थी, जिस पर जिला कार्यालय एवं स्थानीय समिति ने निणर्य लिया की सिंहस्थ क्षेत्र की भूमि मुक्त करना जिला प्रशासन के क्षेत्राधिकार में होने से आपत्ती अमान्य कर दी गई। परन्तु एक और जहाँ सिंहस्थ में सेटेलाईट टाउन स्थापित थे ग्राम दाउदखेडी, सावरा खेडी, जीवनखेडी की भूमियों को जो सिंहस्थ 2016 हेतु अधिगृहित कर इनके भू-स्वामीयों को मुआवजा भी दिया गया था वर्तमान मास्टर प्लान में उन्हे सिंहस्थ से हटाकर आवासीय कर दिया गया जो निन्दनीय हैं।इसी प्रकार स्वीकृत मास्टर प्लान 2035 में शहर के बिल्डर, कॉलोनाइजरो की कृषि भूमि को ग्राम डेंडीया, ग्राम शक्करवासा, ग्राम नीमनवासा, ग्राम जीवनखेडी, लालपुर की सेकड़ों एकड़ जमीन को बिना किसी के आवेदन के ही कृषि से आवासीय कर दिया गया हैं। जबकि भूमि विकास अधिनियम 2012 की धारा 23 के तहत उपांतरण हेतु कृषि भूमि को निर्धारित शुल्क जमा कर आवासीय की जा सकती हैं, परन्तु बिना शुल्क लिये मास्टर प्लान में उक्त भूमियों को आवासीय कर दी गई जिससे शासन को करोडो रूपये की राजस्व हानि हुई, जो कि लगभग 500 करोड रूपये हैं। सिंहस्थ 2016 में भीड नियंत्रण हेतु सर्वसुविधायुक्त पार्किंग (सेटेलाईट टाउन) बनाकर क्राउन मेनेजमेन्ट किया था और उक्त सिंहस्थ 2016 में पश्चात् समीक्षा बैठक में सर्वानुमति से निर्णय लिया गया की भविष्य में दो गुनी जमीन की आवश्यकता होगी। मास्टर प्लान 2035 में स्वीकृत योजना में सिंहस्थ क्षेत्र में वृद्धी ना करते हुए 74 हेक्टयर भूमि को और कम कर दिया गया, जिस पर सेटेलाईट टाउन थे उन्हे आवासीय कर दिया लालपुर की भूमि जो कृषि थी उसे भी आवासीय कर दिया सिंहस्थ क्षेत्र को ओर कम करने पर हम इसकी निंदा करते हैं। अतएवं उक्त मास्टर प्लान की गंभीरता से जाँच कर जो आपत्तीया थी उनकी पुनः सुनवाई करते हुए सिंहस्थ 2028 आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु. शहर हित, जनहित में उक्त मास्टर प्लान को रोका जायें और पुनः आपत्तीयों को आमंत्रित कर इस पर विचार किया जावें । विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन की जमीनों को भूमाफियाओं को सौपने का षड्यंत्र मध्य प्रदेश सरकार और अधिकारी कर रहें हैं। यदि यह मास्टर प्लान निरस्त नहीं किया और पुनः सुनवाई नहीं की गई तो इसे जन आंदोलन बनाते हुए इसकी अगुवाई साधु संत व कांग्रेसजन करेगें।

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