संयुक्त अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में आज दिनाक 14 मई रविवार को दोपहर 1:बजे देवास रोड स्थित बाफना रेस्टोरेंट उज्जैन में संगठन के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह के नेतृत्व में डॉ नीता तोमर वरिष्ठ सदस्य महिला मोर्चा एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने पत्रकार वार्ता मे जानकारी देते हुए बताया

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 महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करे सरकार विपक्ष में रहते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज कर चुके हैं नियमितीकरण का वादा:- अतिथि विद्वान

उज्जैन,  जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे ही सूबे की सियासत गर्म होती जा रही है। इसी तारतम्य में सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्षों से सेवा देने वाले महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने आज प्रदेश स्तरीय प्रेस वार्ता उज्जैन में की। अतिथि विद्वान अपनी जायज मांगो को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिला उज्जैन में प्रदेश स्तरीय मीटिंग रख कर आगे की रूपरेखा तैयार की। जैसा की विदित है कि अतिथि विदवानों के चर्चित आंदोलन 16 दिसंबर 2019 को उस समय के विपक्ष में रहते हुए सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जी खुद शिरकत करते हुए कहा था कि अतिथि विद्वानों को तत्काल कमलनाथ नियमित कर वादा पूरा करें नही तो टाइगर अभी जिंदा है सरकार बनते ही भाजपा अतिथि विद्वानों को नियमित करेगी । इन्हीं अतिथि विदवानों के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और सरकार चौथी बार भाजपा की बनी। लेकिन सरकार बनते ही अतिथि विद्वानों को नजर अंदाज किया जा रहा है। इसी को लेकर लगातार अतिथि विद्वान आंदोलित है। और सरकार से बोल रहे हैं कि आप अपना वादा पूरा कर अतिथि विदवानों को नियमित करें।अतिथि विद्वानों के पास योग्यता एवं अनुभव दोनों फिर भी भविष्य सुरक्षित नहीं अतिथि विद्वान संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बाफना रेस्टोरेंट 39 में प्रेस वार्ता रखी एवं अपनी माग को मिडिया के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की। मोर्चा की वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ नीता तोमर ने प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों के पास लगभग 25 से 26 वर्षों का अच्छा खासा अनुभव एवं जेट/पीएचडी योग्यता है फिर भी भविष्य सुरक्षित नहीं। आगे डॉ तोमर ने कहा कि प्रवेश, परीक्षा, प्रबंधन, अध्यापन, मूल्यांकन, नैक, रुसा सहित समस्त कार्य अतिथि विद्वान पूरी तन्मयता के साथ करते हैं लेकिन जब लाभ देने की बात होती है तो अतिथि विद्वानों का हक छीना जाता है जबकि कई राज्यों में अतिथि विद्वानों की नियमित किया गया है। हमारा अनुरोध है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी एवं हमारे विभागीय मंत्री मुखिया डॉ मोहन यादव जी से की अतिथि विद्वानों को नियमित कर भविष्य सुरक्षित करे साथ ही अपना वादा पूरा करें। नियमितीकरण पीएससी से पहले हो अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित अतिथि विद्वानों की उम्र आज 50 से 55 वर्ष हो गई है कई तो इस दुनिया को छोड़ गए पर नियमित नहीं हुए पीएससी अतिथि विद्वानों के हित में नहीं है पीएससी से पहले हो अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित ये बात डॉ केदार गुप्ता ने कही डॉ गुप्ता ने आगे कहा की सरकार संवेदनशीलता के साथ अतिथि विदवानों के हित में निर्णय लें। इतनी महमाई है ना मानदेय बढ़ा ना ही लगातार फालेन आउट हो रहे अतिथि विद्वानों में रोक लगी। आज भी लगभग 200 से 250 अतिथि विदवान बाहर है जो रोजी रोटी की दिक्कत आ गई है। डॉ शैलजा सबलाले डॉ रुबिना आरसी डॉ विक्राल सिंह, डॉ. नीलिमा नागदेव सहित सैकड़ों अतिथि विद्वान शामिल थे।

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