विद्या भारती राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन 2023 से लागू करने जा रही है।अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, विद्या भारती . श्री अवनीश जी भटनागर महामंत्री, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, केन्द्र नई दिल्ली भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग में पूर्व सेवारत ऩे पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए बताया

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उज्जैन -: विद्या भारती द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन 2023 से प्रारंभ विद्या भारती सन् 1952 से शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय विचार एवं दर्शन को स्थापित करने हेतु कार्य कर रही है। यह जानकारी अखिल भारतीय विद्या भारती संस्थान के श्री अश्विन जी भटनागर महामंत्री नई दिल्ली एवं श्री बालचंद जी रावले क्षेत्रीय संगठन मंत्री भोपाल विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु / विद्या मंदिरों में बाल्यावस्था से ही खेल, खोज व गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धति को अपनाया गया है। शिक्षा नीति में अनुशंसित बालवाटिका की अवधारणा को विद्या भारती के विद्यालयों में मूर्तरूप दिया जा रहा है। विद्या भारती के विद्यालयों पाँच आधारभूत विषयों की शिक्षा दी जाती है जिनमें शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, संगीत शिक्षा, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा सम्मिलित है। विशेष रूप से तैयार शोध आधारित पाठ्यक्रमों में भारतीय व्यायाम पद्धतियों यथा आसन, सूर्यनमस्कार, व्यायाम योग इत्याति के साथ प्राणायाम, ध्यान एवं योग की शिक्षा दी जाती है। मिलेट्स इत्यादि पोषक आहार लेने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया जाता है। इस प्रकार विद्यार्थियों का पंचकोशात्मक विकास किया जाता है। समाज के वंचित समूहों की सहायता के लिए विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को समर्पण करने की रूचि जागृत की जाती है। भारतीय महापुरूषों, एतिहासिक घटनाओं, वीरगाथाओं पर आधारित प्रस्तुतियाँ तैयार करवाई जाती है। जिससे विद्यार्थियों का नैतिक एवं आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित होता है। संस्कृत एवं संगीत शिक्षा हेतु विद्यालयों में कक्षा प्रथम से ही नियमित अध्ययन की व्यवस्था होती है। भारतीय रागों, वाद्ययंत्रों का प्रयोग कर देश भक्ति एवं मानव कल्याण के हजारों गीत बच्चों को सिखाए जाते हैं। भोजन मंत्र, भजन, वंदना, प्रार्थना, लोकगीत आदि द्वारा विद्यार्थियों में मातृभूमि एवं भारतीय लोक जीवन संस्कृति के प्रति अटूट आस्था पैदा की जाती है। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में अन्य विद्यालयों के विद्यार्थी एवं शिक्षक भी हजारों की संख्या में भाग लेते हैं। आधुनिक शिक्षा शास्त्र द्वारा अनुशंसित विविध शिक्षण पद्धतियों में शिशु मंदिरों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्हें अनुभव आधारित अधिगम अन्तरविषयक, बहुविषयक दृष्टिकोण, कला समेकन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, 21 वी सदी के कौशल जैसे क्रिटीकल थिंकींग, कोलेबोरेशन, क्रियेटीविटी, इत्यादि का उपयोग कर कक्षा कक्ष में अधिगम को सरल एवं प्रतिफल आधारित बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विद्या भारती मालवा के नवनिर्मित “सम्राट विक्रमादित्य भवन” प्रशिक्षण, अनुसंधान केन्द्र एवं प्रातीय कार्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विभिन्न प्रशिक्षणों की समुचित अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है।

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