अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल में होने वाले भव्य श्री कल्याण नवग्रह मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर आचार्य श्री मुक्ति सागर सूरी मसा एवं समिति पदाधिकारी ने पत्रकारों से चर्चा अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल धरम बडला बड़नगर रोड़ जानकारी दी ।

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25 बीघा में बसेगी वाराणसी नगरी
45 शिखर युक्त जिनालय में विराजेंगे प्रभू अभ्युदय पार्श्वनाथ
धर्मधानी उज्जयिनी में विश्व के पहले अनूठे श्री कल्याणमंदिर नवग्रह महातीर्थ की सौगात
अभ्युदयपुरम् जैन गुरुकुल में आयोजित 23 दिवसीय भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत 14 जनवरी से ! देशभर से आएंगे समाजजन! आचार्य नरदेवसागरसूरिजी की निश्रा और तीर्थ प्रेरक मालव मार्तण्ड आचार्य श्री मुक्तिसागरसूरिजी के मार्गदर्शन में 4 फरवरी को मुख्य प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होगा! मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री व देश की प्रमुख हस्तियां होगी शामिल!
उज्जैन। धर्मधानी उज्जयिनी में तीर्थ विकास का एक और नया अध्याय जुडने वाला है। शहर से 10 किमी दूर बडनगर रोड धरमबडला पर 25 बीघा क्षेत्र में अभ्युदयपुरम् जैन गुरुकुल अंतर्गत सफेद संगमरमर का अद्भुत नक्काशीदार 45 शिखरवाला श्री कल्याणमंदिर नवग्रह महातीर्थ निर्मित हुआ है। जिसमें मूलनायक प्रभू अभ्युदय पार्श्वनाथ की बैंगलुरु में ज्वेलरी स्टोन (ग्रीन मरकज) से तराशी गई 63 इंच की अत्यंत मनोहारी प्रतिमा प्रतिष्ठित होगी। तीर्थ प्रेरक, मालव मार्तण्ड व संस्कार यज्ञ प्रणेता जैनाचार्य श्री मुक्तिसागरसूरिजी की पावनकारी निश्रा में 23 दिवसीय भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव 14 जनवरी से 4 फरवरी 2023 तक आयोजित होगा। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंहजी चौहान सहित विभिन्न प्रदेशो  के कई मंत्री व प्रमुख हस्तियां शामिल होगी। बता दें कि साल 2012 में इस गुरुकुल की नींव रखी गई थी। 10 सालों में करीब 45 करोड की लागत से इसका निर्माण हुआ है। महोत्सव के लिए 25 बीघा क्षेत्र में वाराणासी नगर बसाई जा रही है, जिसमें भव्य डोम, अस्थायी मंदिर, आवास, भोजन व अन्य व्यवस्थाएं रहेगी।
तीर्थ प्रेरक मालव मार्तण्ड, पूज्य आचार्य श्री मुक्तिसागरसूरिजी महाराज ने मीडिया बंधुओं से चर्चा में कहां कि प्रभू पार्श्वनाथ की महिमा के वर्णन वाले कल्याणमंदिर स्तोत्र की रचना पर आधारित विश्व का पहला अनूठा जिनालय उज्जैन में स्थापित हुआ है। करीब 2100 वर्ष पहले आचार्य सिद्धसेन दिवाकरसूरि ने अवंतीनगरी (अब उज्जयिनी) में ही इस स्त्रोत की रचना की थी। जिसकी कुल 44 गाथा है, इसी महत्व के दृष्टिगत बड़नगर रोड स्थित धरमबड़ला पर सफेद संगमरमर से श्री कल्याण मंदिर नवग्रह के साथ 45 शिखर युक्त नवीन मंदिर बना है। प्रत्येक शिखर मंदिर में प्रभू पार्श्वनाथ की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित होगी। जो प्रमुख 108 पार्श्वनाथ तीर्थ में स्थापित प्रतिमाओं के वर्ण व प्रतीक स्वरुप रहेगी। महोत्सव संयोजक मफतलाल संघवी व मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया के अनुसार करीब 600 शिल्पकारों ने 10 साल में बड़ी ही नयनरम्य नक्काशीदार कलात्मक शैली से इस जिनालय का निर्माण किया है। मंदिर के आसपास स्तोत्र की संस्कृत भाषा में गाथा और नीचे उसका हिंदी और अंग्रेजी में अर्थ भी उल्लेखित है। तीर्थ की आभा देखते ही बनती है, मुख्य मार्ग से भी इसकी मनोहारी छंठा के दर्शन होते है। 4 फरवरी 2023 को मंदिर का मुख्य भव्य प्रतिष्ठा समारोह होगा। इसके लिए परिसर में डोम पांडाल निर्माण आरंभ हो गया है, सुरत से आए 150 कर्मचारी इस कार्य में जुटे है।

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