एनेस्थीसिया दिवस भी मनाया आज मेडिसिन के इतिहास का वह अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है जिस दिन 16 अक्टूबर 1346 को पहली बार ऑपरेशन थिएटर में सफलतापूर्वक एनेस्थीसिया दिया गया था और इसी उपलब्धि ने क्रूर एवं कष्टप्रद माने जाने वाली शल्य चिकित्सा को दर्द रहित और सुखद अनुभव में परिवर्तित भी कर दिया था।

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वर्कशॉप मे पत्रकारों को सिखाया हार्टअटैक और रोड साइड एक्सीडेंट में कैसे बचाएं किसी की जान
उज्जैन। प्रेस क्लब पर हार्ट अटैक और रोड साइड एक्सीडेंट के दौरान हम कैसे किसी व्यक्ति की जान बचा सकते हैं। इसके लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमे डॉ हर्ष मंगल एवं डॉक्टर तपन शर्मा के द्वारा बताया गया कि हार्ट अटैक के दौरान सबसे अधिक महत्वपूर्ण समय घर पर या घटना स्थल पर बिताए जाने वाला होता है। इस दौरान यदि हम समझदारी और सूझबूझ का परिचय देकर कार्य करते हैं तो इससे किसी व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है। वर्कशॉप के दौरान डॉक्टर तपन शर्मा एवं डॉ हर्ष मंगल ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति हार्ट में दर्द होने के कारण अचानक अचेत हो जाता है तो हमें किस प्रकार से उसका परीक्षण करना चाहिए और जब तक एंबुलेंस नहीं आ जाती तब तक संबंधित व्यक्ति को बचाने के लिए किस प्रकार से उनके हार्ट को पंपिंग कर उनकी जान बचाने के प्रयास करना चाहिए वर्कशॉप के दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष विशालसिंह हाड़ा ने भी इस डेमो सेशन में अपनी सहभागिता दिखाई और यह सीखा कि आखिर ऐसे समय में किसी भी व्यक्ति की जान किस प्रकार से बचाई जा सकती है। वर्कशॉप के दौरान डॉ विकास चौधरी, डॉक्टर ए के चौरे, डॉक्टर एमएम नीमा, डॉ एमके जैन, डॉ ज्ञानेंद्र प्रधान, डॉ मनीषा बागड़ी, डॉक्टर रितेशदीक्षित, डॉक्टर अभय बाबर, डॉक्टर दीपिका अग्रवाल, डॉ श्रुति जैन, डॉक्टर दिनेश सिसोदिया, डॉक्टर रविंद्र घोड़े, डॉ हरीश चौहान, डॉक्टर दीपक जोशी, डॉ हर्ष मंगल, डॉ हर्ष कासलीवाल, डॉक्टर अनुष्का शर्मा, डॉ अविनाश बुंदिवाल, डॉक्टर आनंद यादव, डॉक्टर कोस्तुभ त्रिपाठी, डॉ विशाल मरमट, डॉक्टर तपन शर्मा, डॉक्टर एस बी कटारिया, डॉक्टर वीके जोशी, डॉक्टर नवीन गुप्ता, डॉ संजीव श्रीवास्तव, डॉ अश्विनी बागड़ी आदि उपस्थित थे।

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