*लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवम् एन. डी.पी.सी एक्ट एवम् गुणवत्ता पूर्ण विवेचना के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया आयोजित*। *पुलिस कंट्रोल रूम उज्जैन में आयोजित किया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन*। *शहर/देहात के समस्त वरिष्ठ अधिकारीगण, थाना प्रभारीगण, महिला उप निरीक्षक रहे उपस्थित*।

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*लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवम् एन. डी.पी.सी एक्ट एवम् गुणवत्ता पूर्ण विवेचना के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया आयोजित*।
*पुलिस कंट्रोल रूम उज्जैन में आयोजित किया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन*।
*शहर/देहात के समस्त वरिष्ठ अधिकारीगण, थाना प्रभारीगण, महिला उप निरीक्षक रहे उपस्थित*।

प्रधान ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन *श्री राजेन्द्र कुमार वाणी* , द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश *श्री आदेश जैन*, विशेष न्यायाधीश *श्री जितेन्द्र सिंह कुशवाह*,, *विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश अरविंद जैन *,
*पुलिस अधीक्षक उज्जैन *श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल* , जिला अभियोजन अधिकारी *श्री राजकुमार नेमा*, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी *श्री नितेश कृष्णन*,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) *श्री आकाश भूरिया* द्वारा शहर/देहात के समस्त नगर पुलिस अधीक्षक एवम् अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, थाना प्रभारीगण एवम जिले में पदस्थ समस्त महिला उप निरीक्षकों को *आज दिनांक 24.09.22 को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण, एन.डी.पी.एस अधिनियम जैसी धाराओं में विवेचना के संबंध एक दिवसीय प्रशिक्षण* दिया गया।
लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत लैगिंक अपराधों को रोका जा सकता है।बच्चो के संरक्षण एवं विधि संगत जानकारी के संबंध में विस्तार से समस्त पुलिस अधिकारीगण को बताया गया।
अधिनियम की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए जटिल प्रावधानों को उदाहरण सहित *एक्ट के क्रियान्वयन/प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई*। साथ ही मध्यप्रदेश एवं विभिन्न राज्यों एवं मप्र के जिलों में लैंगिक अपराधों के संबंध में तुलनात्मक रूप अध्ययन कर प्रतिभागियों को अवलोकन कराया गया। यह भी बताया कि प्रशासनिक विभाग आपसी समन्वय बनाकर बालकों के लैंगिक अपराध जैसे संवेदनशील मुद्दों का समाधान करें एवं प्रत्येक विशेष जरूरतमंद व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों तक शासन प्रशासन द्वारा मदद की जा सके।
साथ ही *मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण योजना* से भी अवगत करवाया गया। इस योजना में अपराध पीड़ितों या उनके आश्रितों को जिन्हें अपराध के परिणाम स्वरूप हानि या क्षति कारित हुई है और जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, उनके प्रतिकर के लिये निधियों एवं प्रतिकर की मात्रा का विनिश्चय करने के लिये बनाई गयी है।

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