श्रावण महोत्सव के चौथे रविवार 07 अगस्त को गायन, वादन और नृत्य से होगा शिवाभिषेक
अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव में विख्यात कलाकार अपनी प्रस्तुति से करेंगे शिव स्तुति
अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव में सुश्री रागिनी देवले, उज्जैन के शास्त्रीय गायन, श्री सौगात गांगुली, कोलकाता के सरोज वादन के साथ विख्यात नृत्यकार श्री त्रिभुवन महाराज के साथ श्रीमती रजनी महाराज के कथक और भरतनाट्यम के अद्भुत संयोग से सजेगी श्रावण महोत्सव की संध्या
उज्जैन 06 अगस्त, 2022। श्री महाकालेश्वेर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैान के गौरवशाली आयोजन 17वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सनव 2022 के चौथे रविवार 07 अगस्त को शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से भगवान श्री महाकालेश्वर की आराधना में देश के विख्यात कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी |
*श्री महाकालेश्वहर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित 17 वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्स व के चौथे रविवार को सायं 07 बजे त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वय संग्रहालय सभागृह, जयसिंह पुरा उज्जैवन में सुश्री रागिनी देवले, उज्जैन के शास्त्रीय गायन, श्री सौगात गांगुली, कोलकाता के सरोज वादन के साथ विख्यात नृत्यकार श्री त्रिभुवन महाराज के साथ श्रीमती रजनी महाराज के कथक और भरतनाट्यम फ्यूज़न नृत्य की प्रस्तुति होगी |*
*कलाकारों का परिचय*
भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में *सुश्री रागिनी देवले* का नाम जाना-पहचाना है | देश के ख्यात गायक स्वर्गीय पंडित जितेंद्र अभिषेकी के शिष्य पंडित सुधाकर देवले की पुत्री व शिष्या सुश्री रागिनी देवले ने अपने गुरु के सानिध्य में प्रशिक्षण प्राप्त कर अनेक पुरस्कार एवं सम्मान अर्जित किए हैं | रागिनी की गायकी में ग्वालियर, आगरा तथा जयपुर-अतरौली घराने का समन्वय है | रागिनी आकाशवाणी की बी-ग्रेड कलाकार हैं | वर्तमान में रागिनी पंडित शौनक अभिषेकी एवं पंडित राम शंकर से संगीत शिक्षा प्राप्त कर रही हैं |
*सौगात गांगुली* का नाता सदियों से हिंदुस्तानी संगीत की विभिन्न शैलियों को सुसंस्कृत करने वाले परिवार है | सौगात ने बचपन से अपने दादा उस्ताद श्याम कुमार गांगुली के संरक्षण में सरोज सीखना शुरू किया | उसके बाद सौगात में उस्ताद बाबा अलाउद्दीन खान साहिब के शिष्य और महान संगीत शिक्षक स्वर्गीय जय सिंह रॉय से प्रशिक्षण लिया | प्रशिक्षण के दौर में सौगात को सुर सम्राट उस्ताद अली अकबर खान से शिक्षा लेने का अवसर मिला | हरिदास संगीत समाज मुंबई द्वारा सौगात को सुर शिरोमणि की उपाधि से सम्मानित किया गया है | सौगात ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सौगात आईसीसीआर और केंद्र सरकार के साथ ए ग्रेड कलाकार के रूप में सूचीबद्ध किया गया है |
नृत्यशिरोमणि पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज के पोते एवं प्रख्यात कथक नृत्यकार पं.जय किशन महाराज के पुत्र *श्री त्रिभुवन महाराज* वर्तमान पीढ़ी के एक युवा नर्तक और संगीतकार हैं। वह लखनऊ के प्रसिद्ध कालका-बिंदादीन घराने के वंश में नौवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य रूप से अपने माता-पिता पं के मार्गदर्शन में अपना प्रशिक्षण प्राप्त किया। त्रिभुवन महाराज ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कथक प्रस्तुति से दर्शकों में एक अलग ही स्थान प्राप्त किया है |
त्रिभुवन महाराज ने बिरजू महाराज परम्परा का वार्षिक उत्सव, कलाश्रम द्वारा आयोजित वसंत उत्सव, कथक केंद्र द्वारा आयोजित कथक महोत्सव, राष्ट्रमंडल खेल 2010 का उद्घाटन समारोह, शियान और नाननिंग (चीन) में सिल्क रोड का उद्घाटन समारोह, केंद्र द्वारा आयोजित प्रदर्शन मंडप (पेरिस), ब्रिक्स शिखर सम्मेलन सहित कई मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दी है | *रजनी महाराज* एक भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं। उन्होंने श्रीराम भारतीय कला केंद्र से गुरु जस्टिन मैकार्थी के अधीन भरतनाट्यम (कलाक्षेत्र शैली) में अपना डिप्लोमा पूरा किया है। उन्होंने प्रयाग संगीत समिति से भरतनाट्यम में सीनियर डिप्लोमा भी पूरा किया है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रस्तुतियों से कई पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किया है |
2022-08-06