*मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक एवं मध्यस्थता जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन*

Listen to this article

मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक एवं मध्यस्थता जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
उज्जैन 11 जुलाई। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटी श्री अश्वाक अहमद खान की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मीडिएशन मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक का आयोजन जिला न्यायालय भवन उज्जैन में किया गया। बैठक में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अरविंद कुमार जैन द्वारा बताया गया कि माध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दोनों पक्षों की सहमति से निर्णय लिया जाता है। इससे विवाद समाप्त हो जाता है। जिला न्यायालय में काफी संख्या में विशेषकर धारा 138, पारिवारिक विवाद के प्रकरणों का निराकरण मध्यस्थता के माध्यम से हुआ। साथ ही उनके द्वारा आगामी 13 अगस्त को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु भी चर्चा की गयी। उक्त बैठक में श्री अरविंद कुमार जैन सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण समेत, श्री प्रताप मेहता उपाध्यक्ष राज्य अधिवक्ता परिषद, श्री मिश्रीलाल चौधरी शासकीय अधिवक्ता, अन्य न्यायाधीशगण व अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
इसी प्रकार एडीआर सेंटर में मीडिएशन जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाकर जिला न्यायाधीश एवं सचिव श्री अरविंद कुमार जैन द्वारा उपस्थित पक्षकारों से कहा कि मीडिएशन सेंटर में पक्षकारों की समस्या सुनने के पश्चात उनके ही प्रकरण में उनको जज बनाकर प्रकरण का फैसला करवाया जाता है। मीडिएशन की कार्यवाही से दोनों पक्षों का समय एवं पैसा बचता है एवं आपसी सामंजस्य भी स्थापित होता है। इसलिए पक्षकारों को मीडिएशन, लोक अदालत, आर्बिटेशन एवं कंसीलिएशन का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। मीडिएशन कार्यवाही में यदि दोनों पक्षों के मध्य समझौता हो जाता है तो मीडिएशन कार्यवाही सफल हो जाती है। उसमें दोनों पक्षकारों की जीत होती है। मीडिएशन के सफल होने के पश्चात प्रकरण की अपील किसी भी न्यायालय में नहीं की जा सकती।
उक्त बैठक में सचिव श्री अरविंद कुमार जैन, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेश मण्डलोई, मीडिएटर्स अधिवक्तागण तथा अन्य पक्षकारगण उपस्थित रहे।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे