महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद धर्मगुरू मिर्ची बाबा ने कहा भगवान महाकाल के दर्शन के लिए नियम और कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए।
देश के राष्ट्रपति और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल की प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई।
राष्ट्रपति और उनके परिवार को बिना धोती पहनाये ही गर्भगृह में प्रवेश करा दिया गया।
जब 750रु शुल्क लेकर गर्भगृह से दर्शन कराने का नियम आम जनता के लिए बना गया तो ये नियम राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री पर लागू क्यों नहीं होता।
राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मी भी पेंट सेट पहनकर ही गर्भगृह में घुस गए, इसकी अनुमानित उन्हें किसने दी।
शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल मंदिर को अधिकारियों की कमाई का अड्डा बना दिया है।
महाकाल मंदिर में यदि कोई महामंडलेश्वर या अखाड़े के वरिष्ठ संत जाते है तो उनके लिए नियम कानून बताए जाते है और उनका अपमान किया जाता है, जबकि संतो के साथ ऐसा नहीं चाहिए।
महिलाओं और आम आदमी को गर्भगृह से दर्शन करने के लिए 750रू का शुल्क लिया जाता है, और धोती या साड़ी पहनने पर वहां का प्रशासन मजबूर करता है।
अगर महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था में जल्द सुधार नहीं हुआ, और ये अन्याय जारी रहा तो सभी संत समाज इसको लेकर उज्जैन में आंदोलन करेंगे।
मैं प्रशासन से कहना चाहता हूं की आप नियम और कानून के दायरे में रहकर ही काम करें शिवराज सिंह चौहान की गुलामी ना करें।
2022-05-31