गोवर्धन सागर के संघर्ष में एकजुट हुआ संत-समाज
शैव शंभु सन्यासी मंडल के संत-महंत पहुंचे श्रमदान में शामिल होने
उज्जैन। स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में वर्णित प्राचीन गोवर्धन सागर को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए रामादल अखाड़ा परिषद द्वारा आरंभ की गई मुहीम में अब शैव शंभु सन्यासी मंडल भी जुड़ गया है। सोमवार को शैव अखाड़ों के संत, महंत, महामंडलेश्वर भी गोवर्धन सागर तट पर पहुंचे और श्रमदान में भाग लिया। शैव शंभु सन्यासी मंडल के अध्यक्ष महंत श्री रामेश्वरगिरी जी ने आश्वस्त किया कि उज्जैन में धार्मिक स्थलों के जिर्णोद्धार की हर तरह की मुहीम में उज्जैन के सभी संत-महंत एकजुट होकर शामिल होंगे।
सोमवार को गोवर्धन सागर पर संतो के धरने का ग्यारहवां और श्रमदान का पांचवा दिन था। सोमवार दोपहर शैव शंभु सन्यासी मंडल के अध्यक्ष महंत श्री रामेश्वरगिरी की अगुवाई में शैव अखाड़ो के प्रतिनिधि भी श्रमदान में सम्मिलित हुए। संपूर्ण षटदर्शन संत मंडल संभागीय परिषद उज्जैन के सभी संत-महंत, महामंडलेश्वर के एक मंच पर आ जाने से गोवर्धन सागर के विकासकार्य को बल मिला है। शैव शंभु सन्यासी मंडल से महंत श्री रामेश्वर गिरी जी जूना अखाड़ा, महंत श्री प्रेम गिरी जी अटल अखाड़ा, महंत श्री प्रणवानंद जी सिद्ध आश्रम, महंत श्री देवगिरी जी नीलगंगा जूना अखाड़ा, महंत श्री विद्याभारती जी जूना अखाड़ा, महंत श्री कृष्णागिरी जी हरियाणा सेवा आश्रम, महंत श्री सेवानंद गिरी जी आवाहन अखाड़ा सहित सभी सन्यासी अखाड़ो के प्रतिनिधि शामिल हुए।
विकास समिति का गठन
रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास जी ने बताया कि गोवर्धन सागर को बचाने के लिए अब तक गोवर्धन सागर बचाओं संघर्ष समिति कार्यरत रही है। सोमवार को इस समिति को विलोपित करते हुए नई गोवर्धन सागर विकास समिति का गठन किया गया है। षटदर्शन साधू समाज संभागीय परिषद उज्जैन के संत-महंतो के मार्गदर्शन में यह समिति काम करेगी। समिति में उज्जैन शहर के कई वरिष्ठ समाजसेवियों को सम्मिलित किया गया है। महंत डा. रामेश्वरदास जी ने बताया कि गोवर्धन सागर विकास के लिए विभिन्न समाजसेवियों और संगठनों द्वारा दानराशि अर्पित की गई है। दानराशि का सदुपयोग हो और व्यय में पारदर्शिता बनी रहे इसलिए पृथक आय-व्यय समिति का भी गठन किया गया है। इस समिति में सर्वश्री महंत विशालदास जी, राममंत्र साधना पीठ उज्जैन, ओम अग्रवाल पूर्व पार्षद और कमल कौशल जी शीतला माता भक्त मंडल को सदस्य बनाया गया है।
2022-01-31