उज्जैन गोवर्धन सागर के लिए जनसहयोग से जुटे संसाधन रहवासियों ने कहा कि 80 साल में कभी नहीं देखा सागर की सफाई ओर इस तरह पानी

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गोवर्धन सागर के लिए जनसहयोग से जुटे संसाधन

रहवासी बोले- 80 साल में कभी नहीं देखी सागर की सफाई

उज्जैन। शहर की प्राचीन धरोहर गोवर्धन सागर महज दो दिन के श्रमदान के बाद ही नए स्वरूप में नजर आने लगा है। श्रमदान के दूसरे दिन भी संसाधन कम पड़े तो जनसहयोग से ही इनकी तत्काल व्यवस्था हो गई। शुक्रवार को महामंडलेश्वर स्वामी अतुलेशानंद जी(आचार्य शेखर जी) ने गोवर्धन सागर पर पहुंचकर श्रमदान अभियान का जायजा लिया।

रामादल अखाड़ा परिषद के आवाहन पर शहर के विभिन्न वर्गो, धार्मिक व सामाजिक संगठनों द्वारा गोवर्धन सागर के पुर्न उद्धार के अभियान में सहभागिता की जा रही है। पूर्व पार्षद व समाजसेवी ओम अग्रवाल ने बताया कि अभियान के दूसरे दिन मशीनों के अलावा कुशल तैराकों की मदद लेकर गोवर्धन सागर में जमी काई को बाहर निकाला गया। इस काम के लिए डोंगिया बढ़ाने की जरूरत महसूस हुई तो गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज महिला संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस नेत्री माया राजेश त्रिवेदी ने तत्काल ही दो डोंगिया खरीदकर गोवर्धन सागर अभियान के लिए दान की। काई निकालने के लिए लोहे की कड़ियों और रस्सियों की जरूरत महसूस हुई तो भाजपा नेता मुकेश जोशी ने तत्काल इसका इंतजाम करवा दिया। समाजसेवी श्री ओम भाटी के सहयोग से पूरे दिन एक जेसीबी मशीन सागर की सफाई में लगी रही। शीतला माता मंदिर समिति के कमल कौशल, राजेंद्र चौहान और उनके सहयोगियों की टीम ने तालाब में श्रमदान कर रहे लोगों के चाय-नाश्ते आदी का प्रबंध करवाया। समाजसेवी जितेंद्र कुमावत ने पुर्नउद्धार कार्य से प्रभावित होकर अपने परिवार की ओर से 11 हजार रूपए दान करने की घोषणा की। श्री अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह उत्तर क्षेत्र के विधायक श्री पारस जैन भी करीब 2 घंटे तक गोवर्धन सागर पर ही मौजूद रहे और श्रमदान कर रहे नागरिकों का मनोबल बढ़ाते रहे। तालाब किनारे पर चद्दर शेड लगाकर मूर्तियां बनाने वाले एक शख्स ने भी स्वेच्छा से ही अपने चद्दर शेड को हटा लिया।

रामादल अखाड़ा परिषद के वरिष्ठ सदस्य महंत श्री विशालदास ने बताया कि गोवर्धन सागर के पुर्नउद्धार अभियान के दूसरे दिन उत्तरी छोर पर गणेश टेकरी की ओर से भी काई निकालने का काम शुरू कर दिया गया है। क्षेत्र में निवास करने वाले कई वयोवृद्ध लोग भी गोवर्धन सागर पर पहुंचे। इन्होंने साधु-संतो को बताया कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में पहली बार गोवर्धन सागर को साफ होने का काम देखा है। स्वतंत्रता के बाद से कभी भी गोवर्धन सागर की सफाई नहीं की गई थी। गोवर्धन सागर में अब भी काफी मात्रा में पानी मौजूद है, काई और बड़ी घांस की वजह से यह पानी दिखाई ही नहीं देता था। महंत श्री विशालदास, महंत श्री रामशरणदास जी, महंत श्री राघवेंद्रदास जी सहित रामादल अखाड़ा परिषद के सभी संतो ने शहर के नागरिकों से इस पुनित कार्य में सहयोग प्रदान करने की अपील की है।

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