उज्जैन आज रविवार को तीसरे दिन भी धरना आंदोलन में संतो को मनाने पहुंचे कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में एडीएम संतोष टैगोर निगम अपर आयुक्त मनोज पाठक

Listen to this article

संतो को मनाने पहुंचे अधिकारी, जवाब मिला- पहले सप्तसागरों पर शुरू करे काम

उज्जैन। रामादल अखाड़ा परिषद द्वारा अंकपात मार्ग स्थित गोवर्धन सागर के तट पर रविवार को लगातार तीसरे दिन भी धरना आंदोलन जारी रखा गया। रविवार को कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में एडीएम संतोष टैगोर, नगर निगम आयुक्त के प्रतिनिधि के रूप में अपर आयुक्त मनोज पाठक धरना दे रहे संतो के पास पहुंचे। अधिकारियों ने रामादल के संतो से धरना समाप्त करने का आग्रह किया। संतो की ओर से जवाब मिला- प्रशासन और नगर निगम पहले सप्तसागरों में किसी एक पर विकास कार्य आरंभ करे, पवित्र सागरों की सफाई आरंभ की जाए, तब धरना समाप्त होगा।

रामादल अखाड़ा परिषद के सदस्य संत, महंत, महामंडलेश्वर आदी 21 जनवरी से गोवर्धन सागर के तट पर धरना दे रहे है। रविवार को धरने के तीसरे दिन पहुंचे अधिकारियों ने साधु-संतो को आश्वस्त किया कि नगर निगम और जिला प्रशासन ने उनकी मांगो को गंभीरता से लिया है और सप्तसागरों की दशा परिवर्तित करने के प्रति दोनों ही विभाग कार्ययोजना पर संयुक्त मंथन कर रहे है। रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष साधु-संतो की मांग रखी।

उन्होंने कहा कि जब तक नगर निगम और जिला प्रशासन का अमला सप्तसागरों पर विकासकार्य आरंभ नहीं करेगा, धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। साधु-संतो के धरना प्रदर्शन को अब शहर की विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं का सहयोग मिलने लगा है। शिप्रा शुद्धीकरण आंदोलन में सहभागिता करने वाली कांग्रेस नेत्री नूरी खान भी रविवार को रामादल अखाड़ा परिषद के धरने में पहुंची। उन्होंने धरना दे रहे साधु-संतो का पुष्पाहारों से अभिनंदन कर आर्शिवाद प्राप्त किया।

रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास ने अपने उद्बोधन में कहा कि जल, वायु, आकाश, भूमि पर सभी प्राणियों का अधिकार है। साधु-संतो के आंदोलन में जाति-पंथ, धर्म, राजनीति से अलग केवल सप्तसागर और शिप्रा शुद्धीकरण के लिए सहयोग करने वाली सभी संस्थाओं, सभी वर्ग के नागरिकों का स्वागत है। रविवार को धरना आंदोलन का संचालन महंत श्री विशालदास ने किया व आभार प्रदर्शन महंत श्री रामचंद्रदास जी दिगंबर अखाड़ा ने माना।

धरने में प्रमुख रूप से रामादल अखाड़ा परिषद के सदस्य महंत श्री भगवानदास जी, महंत श्री हरिहरदास जी, महंत श्री रूपकिशोरदास जी, महंत श्री बलरामदास जी, सुनील जी जैन, महंत श्री जयरामदास जी, महंत श्री काशीदास जी, महामंडलेश्वर श्री ज्ञानदास जी, महंत श्री मुनिशरणदास जी, महंत श्री राघवेंद्रदास जी, महंत श्री रामशरणदास जी, महंत श्री विशालदास जी, पूर्व पार्षद ओम अग्रवाल, महंत श्री दिग्विजयदास जी, महंत श्री परमेश्वरदास जी त्यागी, महंत श्री मोहनदास जी, महंत श्री रूपकिशोरदास जी, महंत श्री मंगलदास जी, शिव लश्करी, जयप्रकाश जी शर्मा आदी प्रमुख रूप से शामिल हुए।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे