उज्जैन काग्रेस की पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को जन जन तक उजागर करने भूमिका ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उसने पिछड़ा वर्ग की पीठ पर छुरा भोपने का पुरा प्लान तैयार किया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव एवं पूर्व विधायक बाबूलाल वर्मा

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पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की भूमिका ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उसने पिछड़ा वर्ग की पीठ पर छुरा भोंकने का पूरा प्लान तैयार किया है।यह उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव जी एवं पुर्व विधायक बाबूलाल वर्मा ने भाजपा लोकशक्ति भवन पर पत्रकारों से कही है।
• जब पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई थी तो कांग्रेस को उसमें व्यवधान डालने की क्या आवश्यकता थी ?
• दरअसल, कांग्रेस के निशाने पर चुनाव के नियम कायदे नहीं,पिछड़ा वर्ग को नीचा दिखाने के मंसूबे थे।
• कांग्रेस को सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर कोई भरोसा नहीं है।
• कांग्रेस का भरोसा सिर्फ समाज को बांटो और राज करो की नीति पर है।
. कांग्रेस नहीं चाहती कि पिछड़ा वर्ग और अन्य पीछे रह गए समाजों को राजनैतिक और आर्थिक बराबरी का अधिकार मिले।
. लेकिन भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास चाहती है यही कारण है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम चाहते हैं कि पंचायत चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ हो ।
• यही कारण है कि विगत 26 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई, जिसमें कैबिनेट ने अपने ही अध्यादेश को वापस ले लिया। साथ ही
• कांग्रेस की उस समय की सरकार ने इस आरक्षण की दिशा में कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई।
• कमलनाथ को जवाब देना चाहिए कि 8 मार्च 2019 को 14 से 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के तत्कालीन सरकार फैसले पर जब 10 मार्च को याचिका लगी तब 10 से 19 मार्च तक उनकी सरकार ने कोर्ट में अपना एडवोकेट जनरल तक खड़ा क्यों नहीं किया?
• यहां तक कि उच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण पर रोक लगाने के खिलाफ कांग्रेस की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील तक नहीं की
• इस धोखे के लिए कांग्रेस और कमलनाथ को प्रदेश में ओबीसी वर्ग से माफी मांगना चाहिए।
• केवल भारतीय जनता पार्टी ही पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन उन्होंने है।
• यह आयोग राज्य का दौरा कर पिछड़ा वर्ग की स्थिति और आवश्यकताओं सहित सभी तथ्यों का अध्ययन करेगा।
• भारतीय जनता पार्टी सरकार की प्रतिबद्धता को समझने के लिए इतना पर्याप्त है कि जिन विषयों के मामले न्यायालय में लंबित नहीं है उन तीन विषयों को छोड़कर अन्य सभी में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी गई है।
• कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के साथ किस तरह सम्मान किया है, उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री सुभाष यादव के समर्थन में सबसे ज्यादा विधायक थे उसके बाद भी दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया।
• हम पिछड़ा वर्ग समाज के बारे में जानते हैं कि वह एक जागरूक समाज है इसलिए वह उसी समय कमलनाथ की चालबाजी समझ गया था। परिणामतः कांग्रेस को लोकसभा में 29 में से 28 सीटों पर करारी हार झेलनी पड़ी थी।
• सब जानते हैं कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का जो शिगूफा छोड़ा था, उस पर न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी।
• कांग्रेस यह जानती थी और यह चाहती भी थी कि इस निर्णय पर स्टे लग जाए। इसीलिए तो न कांग्रेस ने कैविएट दायर की और न ही अपने वकीलों को निर्णय के पक्ष में न्यायालय में उतारा।
• कांग्रेस की जालसाजी का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है, जब उनकी सरकार अपने विधेयक में मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 27 प्रतिशत बताती है, जबकि राज्य में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 51 प्रतिशत है।
• जरा सोचिए जिस समाज की जनसंख्या का प्रतिशत 27 हो तो क्या उसे 100 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है?
• बहुत साफ है कि कांग्रेस ने ऑन रिकॉर्ड धोखा देने का दुस्साहस किया था।
• जिस पार्टी की सरकार विधेयक में धोखा दे सकती है, उससे किसी भी प्रकार की इंसाफ की बात करना बेईमानी है। अपनी इसी नीयत के कारण उसने पंचायत चुनाव के बहाने भी पिछड़ा वर्ग के अरमानों को कुचलने का काम किया है।
• कांग्रेस के झूठ के कारण माननीय न्यायालय ने ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी थी। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए इसे राज्यपाल के पास भेजा। जिसके बाद पंचायत चुनाव निरस्त हुए।
• हम मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष माननीय श्री विष्णुदत्त शर्मा जी के आभारी हैं. जिन्होंने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना होने वाले पंचायत चुनाव के न कराए जाने के प्रयास किए
•पिछड़ा वर्ग को लेकर कांग्रेस के सबसे बड़े षड्यंत्र का खुलासा तभी हो गया था जब उसकी सरकार ने विधानसभा को लिखित में बताया कि मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी 27 प्रतिशत है। इसी आधार पर सरकारी नौकरियों में ओबीसी समाज आरक्षण से वंचित रह गया।
• हम मानते हैं कि पंचायत चुनाव में पिछड़ा समाज को हुए नुकसान के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ उनके राज्यसभा सांसद श्री विवेक तनखा पूरी तरह दोषी हैं। क्योंकि उनके कारण ही पूरी चुनाव प्रक्रिया बाधित हुई।
•कांग्रेस के नेताओं को ओबीसी की नौकरियां खाने से भी ठंडक नहीं मिली तो उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न चिन्ह् का बहाना लेकर ओबीसी के राजनैतिक अधिकार को भी कुचलने का षड्यंत्र किया
• हम सब जानते हैं कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण के नाम पर कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन प्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग समाज को धोखा देने का काम किया था।
• कमलनाथ सरकार ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कदम गत लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसलिए उठाया था जिससे उन्हें लोकसभा में पिछड़ा वर्ग के वोट प्राप्त हो सकें।

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