उज्जैन में खुलेगा आईआईटी इंदौर का कैपस इंदौर उज्जैन मेट्रो सर्वे के लिए मुख्यमंत्री का आभार उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव जी। इंदौर–उज्जैन मेट्रो ट्रेन का संचालन प्रस्ताव तैयार करने हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा संसद अनिल फिरोजिया जी

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उज्जैन 28 दिसंबर। प्राचीन वैभवशाली ज्ञान परंपरा के अनुरूप मालवा क्षेत्र के उज्जैन को प्रौद्योगिकी और ज्ञान-विज्ञान के एक प्रमुख शिक्षण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत उज्जैन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर का सेटेलाइट कैंपस खोला जाएगा। 100 एकड़ भूमि पर स्थापित यह कैंपस अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध केंद्र और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च शिक्षा प्रदान करेगा। अपनी तरह का यह देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा। रोजगार और स्वरोजगार के प्रोत्साहन में भी यह कैंपस महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। यह जानकारी प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने एक पत्रकार वार्ता में दी। इस अवसर पर सांसद श्री अनिल फिरोजिया एवं पूर्व मंत्री व विधायक श्री पारस जैन भी उपस्थित थे।
डॉ यादव ने बताया कि हाल ही केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार से उज्जैन की खगोल विज्ञान, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान की विरासत को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षण संस्थान खोले जाने की आवश्यकता पर चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि आईआईटी इंदौर ने सेटेलाइट कैंपस की स्थापना के लिए प्रारंभिक डीपीआर तैयार की है। यह कैंपस हर दृष्टि से पूर्ण होगा और प्रशासनिक, अकादमिक निर्णय के लिए स्वतंत्र होगा। कैंपस में छात्रावास और शिक्षकों के लिए आवास भी होंगे। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध सुविधाएं एवं पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे। यह उज्जैन-इंदौर की औद्योगिक इकाइयों के लिए रिसर्च भी करेगा। प्रारंभिक चरण में चार राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण केंद्र और इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क खोले जाने का प्रस्ताव है।
आईआईटी इंदौर इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क: यह रिसर्च पार्क इंदौर उज्जैन और आसपास के सभी क्षेत्रों की औदयोगिक इकाई को शोध कार्य में मदद करेगा। साथ ही स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करेगा। इसे टेक्नोलॉजी इन्नोवेशन हब के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें 100 150 अधिक कंपनियों को जोड़ा जाएगा। अभी आईआईटी चेन्नई और आईआईटी मुंबई में ऐसे ही रिसर्च पार्क कार्य कर रहे हैं। मालवा क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार निर्माण की दिशा में इस इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क की अहम् भूमिका होगी। आने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए इस पार्क माध्यम से कार्य किया जाएगा। स्पोर्ट्स साइंस के अंतर्गत स्पोर्ट्स में उपयोग की जाने वाली डिवाइसेज और इक्विपमेंट पर भी यहाँ रिसर्च करना प्रस्तावित है।
सेंटर फॉर वॉटर: जल संसाधन प्रबंधन के लिए यह एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा जहाँ जल के सम्बन्ध में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ जल संसाधन पर शोध कार्य किया जाएगा। वाटर मैनेजमेंट पर आधारित पाठ्यक्रम भी संचालित किये जाएगे। मध्यप्रदेश में वॉटर कजर्वेशन तकनीक को बढ़ाने और जल से संबंधित शैक्षणिक कार्यक्रमों को तैयार करने में केंद्र मदद करेगा। अपनी तरह का यह देश का पहला केंद्र होगा।
सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी, स्पेस एंड हेरिटेज: काल गणना और खगोलीय विज्ञान में उज्जैन के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए यह सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यहाँ स्पेस टेक्नोलॉजी, स्पेस इंजीनियरिंग और एस्ट्रो फिजिक्स के पाठ्यक्रम के साथ रिसर्च भी होगा। प्रयोगशाला भी स्थापित होंगी।
सेंटर फॉर इंडियन साइंटिफिक नॉलेज सिस्टम: भारतीय ज्ञान परपरा पर केंद्रित यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देश का मॉडल बनेगा जिसमें कृषि, ज्ञान परंपरा, हॉलिस्टिक मेडिसिन, प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने जैसे विषयों पर शोध होंगे।
जेपी नारायण सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इन हयुमेनीटीज: इसके अंतर्गत डिजिटल हयुमेनीटीज, एनवायर्नमेंटल ह्युमेनीटीज, डेवलपमेंट स्टडीज पर नेशनल रिसर्च सेंटर और सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए ह्युमेनीटीज और सोशल साइंस एजुकेशन पर राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ यादव ने इंदौर-उज्जैन मेट्रो के सर्वे के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि मेट्रो के आने के बाद उज्जैन इंदौर शहर से सीधा जुड़ जाएगा और इंदौर पहुँचने के लिए एक और सुविधा प्राप्त होगी। अभी शहर देवास रेल लाइन के साथ फतेहाबाद चंद्रावतीगंज होकर भी रेल लाइन से जुड़ा हुआ है।

उज्जैन धार्मिक एवं पर्यटन नगरी है। उज्जैन-इंदौर-भोपाल प्रथम फेस में मेट्रो ट्रेन संचालन प्रस्तावित है। आगामी सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखते उज्जैन-इंदौर मेट्रो ट्रेन संचालन की अत्यन्त आवश्यकता है। इससे आवागमन में सुविधा होगी एवं उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत उज्जैन आगर-झालावाड, उज्जैन-देवास, उज्जैन-गरोठ, उज्जैन-बदनावर सड़क मार्ग स्वीकृत करवाया। इस पर लगभग 5602 करोड़ रूपये का व्यय होगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत उज्जैन शहर में 10053 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये ।
स्मार्ट सिटी अंतर्गत 97.50 करोड़ों रूपये के 26 विकास कार्य करवाये जा रहे हैं।
317 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से प्रधानमंत्री सडक योजना के तहत सड़को च पुलियाओं के कार्य स्वीकृत एवं कई कार्य पूर्णता की ओर।
100 करोड़ से अधिक की राशि से सड़को का जाल लोक निर्माण विभाग के माध्यम से प्रचलित एवं पूर्ण ।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत 33 हजार नवीन नल कनेक्शन जिले भर के गाँवों में दिये जायेंगे।
लोक निर्माण विभाग पी.आई. यू. के माध्यम से 16 करोड़ रूपये से अधिक की लागत से स्कूल भवन स्वीकृत
सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से 47 करोड़ रू. से अधिक की लागत से स्कूल भवनों शौचालय, स्कूल में हैंडवाश व अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य प्रगति पर
नागदा में एन.टी.पी.सी. इकाई की स्थापना के लिये स्वीकृति
उज्जैन में औद्योगिक विकास हेतु नवीन औद्योगिक क्षेत्र के लिये संसदीय क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर भूमि उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें फार्मास्युटिकल क्लस्टर, टेक्सटाईल क्लस्टर, इंजीनियरिंग क्लस्टर, प्लास्टिक क्लस्टर, पोहा क्लस्टर के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।
कोरोना काल में जिले भर में शासकीय, अशासकीय चिकित्सालयों में 8 आक्सीजन प्लांट की स्थापना।

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