उज्जैन आरक्षण कोई भीख नहीं है। यह पिछड़े वर्ग का अपना अधिकार है। पंचायत चुनाव निरस्त या स्थगित करने की इस लिए रिस्क न लेते हुऐ आरक्षण प्रक्रिया करवाने पर तेजी से विचार करने की आवश्यकता है अशोक कटारिया प्रदेश अध्यक्ष पाटिदार समाज

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पत्रकार साथियों आरक्षण कोई भीख नही है यह पिछडे वर्ग का अपना अधिकार है। देश की गरीबी मिटाओं का साधन हैं बल्कि आरक्षण राष्ट्र निर्माण में प्रत्येक जाति की उनकी जाति के अनुपात में भागीदारी है। यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रेस क्लब पर अशोक कटारिया प्रदेश अध्यक्ष पाटिदार समाज ने कही बंधुओं सन् 1999 से पंचायतीराज राज्य में लागू है तभी से ओ.बी.सी को 25 प्रतिशत जनप्रतिनिधित्व मिल रहा है जिसमें 12.5 प्रतिशत पुरुष को एवं 12.5 प्रतिशत महिलाओं कों। म.प्र. में सन् 1931 की जातिगत जनगणना के अनुसार 52 प्रतिशत ओ.बी.सी. आबादी है। फिर भी यह वर्ग 25 प्रतिशत जनप्रतिनिधित्व आरक्षण से संतुष्ट था। पंरतु सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष द्वारा पिछडे वर्ग के साथ अन्याय पूर्ण कार्य करते हुए आज यह आरक्षण उच्च न्यायालय प्रक्रिया के आदेशानुसार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटों को चुनाव से वंचित रखा जा रहा है, यह स्थिति पिछडे वर्ग के साथ किए जा रहे कुठाराघात अमानवीय श्रेणी में है
म.प्र. में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष इस विषय को गंभीरता से लेकर पिछडे वर्ग को न्याय दिलाने में खुले मन से खुले दिल से साथ रहें ऐसी अपेक्षा है साथ ही म.प्र. सरकार से आग्रह । कि जब तक पिछडे वर्ग का आरक्षण पूर्व की तरह ना हो तब तक चुनाव प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए। अन्यथा प्रदेश स्तर पर समाज द्वारा चरणबंद आदोलन किया जावेगा।उपस्थित ओमप्रकाश पाटिदार धन श्याम पाटिदार राजेश पाटिदार आदि थे।

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