उज्जैन लोक अदालत का उद्धाटन 11 सितम्बर को प्राप्त 10,30 बजे होगा न्यायालय के प्रवेश द्वार पर न्यायाधीश श्री एन पी सिंह द्वारा किया जाएगा

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लोक अदालत का उद्घाटन 11 दिसम्बर को प्रात: 10.30 बजे होगा
उज्जैन 10 दिसम्बर। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश में 11 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उज्जैन जिले में लोक अदालत का उद्घाटन कार्यक्रम प्रात: 10.30 बजे जिला न्यायालय के प्रवेश द्वार पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एनपी सिंह द्वारा किया जायेगा।
​उल्लेखनीय है कि 11 दिसम्बर को जिला मुख्यालय एवं सभी तहसील मुख्यालयों पर इस वर्ष की अन्तिम लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एनपी सिंह द्वारा पक्षकारों से अपील की गई है कि वे अपने राजीनामा योग्य लम्बित एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के माध्यम से राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करवायें। उन्होंने बताया कि इस हेतु जिला न्यायालय में पदस्थ समस्त न्यायिक अधिकारियों के द्वारा न्यायालय में लम्बित प्रकरणों को चिन्हित कर प्रीसीटिंग की कार्यवाही प्रतिदिन की जा रही है।
​प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एनपी सिंह ने बताया कि लोक अदालत में न्यायालय में लम्बित प्रकरण जैसे दीवानी, आपराधिक, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना, क्षतिपूर्ति दावा, पारिवारिक प्रकरण, भूमि अधिग्रहण, विद्युत प्रकरण, श्रम एवं रोजगार, मनी रिकवरी, जनुपयोगी लोक अदालत जैसे समस्त राजीनामा योग्य प्रकरण, बैंक रिकवरी, बिजली एवं जल कर, सम्पत्ति कर सम्बन्धित प्रीलिटिगेशन आदि प्रकरणों का निराकरण सुलह एवं समझौते के माध्यम से किया जायेगा। उन्होंने जन-सामान्य से अपील की है कि जो भी व्यक्ति लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरण का निपटारा कराना चाहते हैं वे सम्बन्धित न्यायालय अथवा विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आकर सम्पर्क कर सकते हैं।
​श्री एनपी सिंह ने विशेष रूप से बताया कि इन मामलों को लोक अदालत में निपटाया जाता है तो अभियुक्त पर लगने वाले अर्थदण्ड में विशेष छूट प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार जल कर, सम्पत्ति कर एवं विद्युत चोरी के मामले में भी निर्धारित छूट का लाभ प्रदान किया जायेगा।
​प्राधिकरण के सचिव/जिला न्यायाधीश श्री अरविंद जैन ने बताया कि वर्तमान में लोक अदालत हेतु न्यायालय में लम्बित कुल 6860 प्रकरण तथा प्रीलिटिगेशन के 7670 प्रकरण, इस तरह कुल 14530 प्रकरण रखे जा चुके हैं और आगे भी दिन-प्रतिदिन प्रकरणों को रखा जा रहा है। तहसील स्तर के न्यायालयों की कुल 41 खण्डपीठों के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा।

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