हत्या के करित करने वाले दो आरोपीगंण को अजीवन कारावास की सजा विशेष न्यायाधीश (एस, सी, /एस, टी, एक्ट) उज्जैन न्यायालय द्वारा आरोपीगंण प्रदीप पिता कैलाश पवन पिता राजकुमार को अजीवन कारावास की सजा सुनाई

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हत्या कारित करने वाले आरोपीगणांे को आजीवन कारावास की सजा

विशेष न्यायालय श्रीमान अश्वाक् अहमद खान, विशेष न्यायाधीश (एस.सी./एस.टी. एक्ट) उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपीगण 01. प्रदीप पिता कैलाश 02. पवन पिता राजकुमार, निवासीगण जिला इन्दौर को धारा 302 भादवि में आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा एवं धारा 201 भादवि में आरोपीगण को 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 380/34 भादवि में 05-05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल-15,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

उप-संचालक (अजाक)/पैरवीकर्ता श्री आर. के. चंदेल ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि दिनांक 08.06.2016 को दिन के समय मृतक के कमरे के बाहर कुछ बच्चे खेल रहे थे, जिन्होंने मृतक को कुर्सी पर बैठे हुए मृत अवस्था में देखा, उसके सिर पर चोटें थी। बच्चों ने उक्त जानकारी पड़ोसी को दी जिसके द्वारा खिड़की में से झांककर देखा तो मृतक के चेहरे पर खून लगा हुआ था और कुर्सी पर बैठी हुई अवस्था में मृत दिख रहे थे। यह समय सिंहस्थ का समय था। बच्चों के बताने पर पडोसी ने पुलिस को फोन लगाया। उपनिरीक्षक अनुप भार्गव दोपहर 3ः00-3ः30 बजे के लगभग घटना स्थल पर पहुंचे जहॉ सूचनाकर्ता की सूचना के आधार पर मृतक को अपने घर में कुर्सी पर बैठे हुए मृत अवस्था में पाया, जिसके सिर से लेकर नीचे तक खून बह रहा था। पुलिस द्वारा अपराध को पंजीबद्ध किया गया तथा अनुसंधान पूर्ण कर उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय जिला उज्जैन के द्वारा अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया।

उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से परिस्थितिजन्य साक्ष्य की श्रृखंला में सर्वप्रथम आरोपीगण के संबंध में संदेह होने पर काल डिटेल, जिसमें मृतक का मोबाईल, उसकी सिम, आरोपीगण के मोबाईल उनकी सिम तथा अंतिम समय तक आरोपीगण का मृतक से सपंर्क होने की श्रृखंला को प्रमाणित किया गया है। हत्या करने के पश्चात् आरोपीगण द्वारा मृतक के घर से चांदी की कड़ी, चांदी की पायजेब तथा एक मोबाईल, जो मृतक के दूसरे कमरे की अलमारी से चुराया था, घर का सामान बिखरा हुआ था, इस सामग्री को आरोपीगण के आधिपत्य से उनके गिरफ्तार होने के पश्चात् जप्त किया है, जिसे फरियादी पक्ष द्वारा पहचाना गया है, जिसकी पहचान कार्रवाई भी प्रमाणित हुई है तथा परिस्थितियों की श्रृखंला, जिसमें घटना के समय आरोपीगण द्वारा पहने हुए कपड़े जिस पर हत्या करते समय मृतक का खून उन कपड़ो पर लगा था, इन खून लगे कपडो को भी जप्त किया गया है जिसकी जांच करवायी जाने पर मानव रक्त पाया गया था। हत्या का हेतूक यद्यपि अत्यन्त गौण था, लेकिन चूंकि हत्या कमरे में हुई है, घटना के समय आरोपीगण पवन, प्रदीप और मृतक मात्र तीन व्यक्ति ही थे, कमरे में क्या घटित हुआ था, इस तथ्य की जानकारी या तो मृतक को थी अथवा इन दोनो आरोपीगण को तथा आरोपी प्रदीप मृतक के परिवार से पूर्व से ही परिचित था। तथ्यों की इन श्रृखंला को समस्त युक्तियुक्त संदेह से परे होकर अभियोजन द्वारा प्रमाणित किया गया है। अतः यह तथ्य समस्त युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित है कि मृतक की हत्या आरोपीगण द्वारा ही कारित की गयी थी।

प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री आर0 के0 चंदेल, उप-संचालक (अजाक) जिला उज्जैन द्वारा पैरवी की गई।

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