उज्जैन न्यायालय ने आरोपी अरुण कुमार डे तत्कालीन प्रबंधक जिला व्यापार एवं उधोग केन्द्र उज्जैन को दो धाराओं में चार – चार वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई

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*लोकायुक्त से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय उज्जैन ने आरोपी अरुण कुमार डे तत्कालीन प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र उज्जैन को दो धाराओं में चार-चार वर्ष सश्रम कारावास एवं कुल 30 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई*

विशेष न्यायाधीश उज्जैन श्री पंकज चतुर्वेदी द्वारा विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के अपराध क्रमांक 261/2017 में जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र उज्जैन के तत्कालीन प्रबंधक अरुण कुमार डे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(2) में चार-चार वर्ष सश्रम कारावास एवं दोनों धाराओं में कुल तीस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

मामला इस प्रकार है कि फरियादी ललित खत्री निवासी वेद नगर उज्जैन ने दिनांक 16.11.2017 को पुलिस अधीक्षक महोदय विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर इस आशय की शिकायत की गई थी कि वह यशस्वी क्लॉथ फैब्रिक, जिसकी प्रोपराइटर उसकी पत्नी श्रीमती माधवी खत्री हैं, जिसका पूरा कामकाज वह स्वयं देखता हैं, जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र उज्जैन में दिनांक 27.9.2017 को अपनी फर्म की लीज डीड बनाने के लिए आवेदन किया था। आवेदन देने के समय अरुण कुमार डे मैनेजर जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र उज्जैन द्वारा ₹75000 की रिश्वत की मांग लीज डीड बनाने के लिए की गई थी। जिस पर से आवेदक द्वारा ₹55000 अरुण कुमार डे को दिया जा चुका है तथा मैनेजर डे द्वारा ₹20000 रिश्वत की और मांग की जा रही है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता बल्कि उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है।
शिकायत की तस्दीक वॉइस रिकॉर्डर के माध्यम से कराए जाने पर आरोपी अरुण कुमार डे द्वारा 20,000 रुपए रिश्वत की स्पष्ट मांग की जाना पाया गया। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में तत्कालीन निरीक्षक श्री दिनेश रावत द्वारा ट्रैप कार्यवाही आयोजित कर, आरोपी अरुण कुमार डे को दिनांक 18.11.2017  को उसके निज निवास सेठी नगर उज्जैन में, फरियादी ललित खत्री से रिश्वत के 20,000 रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। ट्रैप के समय रिश्वती नोट आरोपी  अरुण कुमार डे की पेंट की दाहिनी जेब से जप्त हुई थी। मौके पर आरोपी का हाथ एवं पेंट की दाहिनी जेब को घोल में धुलाये जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था। एफएसएल द्वारा अपने रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलाने के घोल में फिनाफ्थलीन रसायन धनात्मक पाया गया था।
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में दिनांक 24.09.2018 को प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन श्री पंकज चतुर्वेदी द्वारा आरोपी को दोष सिद्ध कर भैरूगढ़ जेल भेज दिया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. तथा मुकेश कुन्हारे एडीपीओ द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया। ASI जागन सिंह द्वारा अच्छा सहयोग किया गया।

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