कार्तिक मेले में मनोरंजक व्यवसायिक अनुमति हेतु जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद भी कार्तिक मेले की अनुमति नहीं दी
व्यापारियों ने पत्रकार वार्ता में मे जानकारी देते हुए कहा कि
कार्तिक मेला उज्जैन के तत्वावधान में उज्जैन नगर पालिक निगम द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाने वाला कार्तिक मेला मालवांचल, प्रदेश ही नहीं वरन समूचे देश में नगर की पृथक पहचान रखता है। उज्जयिनी के कार्तिक मेला के उपरांत समूचे राष्ट्र में मेलों काआयोजन आरंभ होता है।
विदित है काविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2019 में उज्जैन में कार्तिक मेला आयोजन के पश्चात विगत वर्ष 2020 के आयोजन में हम व्यवसायियों को अनुमति न मिली। इस प्रकार विगत लगभग 2 वर्ष से हम व्यवसायी पूरी तरह बेरोजगार होकर मुखमरी का शिकार होने की कगार पर है।
यह बात रखते हुए राष्ट्रीय मनोरंजन व्यवसाय एवं सांस्कृतिक कला परिषद के तत्वावधान में मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारसचन्द्र जैन संभागायुक्त संदीप यादव, कलेक्टर आशीषसिंह, निगमायुक्त अशुल गुप्ता आदि को ज्ञापन सौंपा तथा कार्तिक मेले में व्यवसायिक दुकान लगाने व आयोजन की अनुमति की मांग की।
दूसरी ओर ध्यानाकर्षण का विषय है कि गुजरात,
विचारणीय बिन्दु
आखिर प्रदेश के सिनेमा हाट बाजार आतिशबाजी, होटल, रेस्टोरेट मल, म्यूजियम, प्रदर्शनी, ट्रेड फेयर वाटर पार्क, इंटरनेटमेंट पार्क पर व्यवसाय तथा धर्मस्थलों पर धर्माराधना की अनुमति दी जा चुकी है तथा देश के कई बड़े राज्यों में भी मेलों का आयोजन शुरू किया जा चुका है तो आखिर देश के मेलों का श्रीगणेश करने वाला कार्तिक मेला उज्जैन ही आखिर क्यों अनुमति की बाट जोहने को मजबूर है ? आखिर क्यों शासन प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के मानस में हमारी मुख, पीड़ा, निर्धनता व जीवन पर दयाता. सहानुभूति व संवेदना का भाव नहीं बरस रहा है और हमें जीवित रहते मृत्यु तुल्य कष्ट भोगने को मजबूर है।
जिस प्रकार कोड की आर्थिक मंदी चलते कई नागरिक जीवनलीला समाप्त करने को विवश हुए है उसी प्रकार हम भी व्यवसायबंदी के चलते सहपरिवार अपने प्राण छोड़ने के लिये न चाहकर भी बाध्य हो रहे है। जबकि हम झूलों में बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के जनता को नहीं बिठाएंगे, इस हेतु तत्पर है तथा दूसरा पेक्सीन न लगवाने वालों को अपने प्रचार माध्यमों से सेकड बोज
लगवाने हेतु भी प्रेरित करेंगे। विशेष बिन्दु
उज्जैन में कोविड वैक्सीन का प्रथम डोज लगभग शत प्रतिशत के सन्निकट है और दूसरा डोज भी 50 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। इसी के दृष्टिगत अन्य व्यवसायिक संस्थान व व्यवसाय पूर्ण क्षमता से चल रहे है तो कार्तिक मेला का आयोजन किया जाना भी व्यापक जनहित, निगम हित, शासन हित व व्यापारी हित में उचित होगा। हमारी अपेक्षा
कृपया देश के आधा दर्जन से अधिक विशालतम से लेकर विशाल राज्यों में मेला आयोजन की अनुमति हो चुकी है, कृपया इस आधार पर दयाता, सहानुभूति आत्मीयता, मानवीय संवेदना के भाव रखकर कार्तिक मेला 2021 के आयोजन व इसमें हमें सम्मिलित होने की अनुमति मिल सके,
-यह मांग राष्ट्रीय मनोरंजन व्यवसाय एवं सांस्कृतिक कला विकास परिषद् के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष खालिद भाई इंदौर, रा. कार्यकारिणी सदस्य मनीष तेजूबाबा चौहान, जिला महामंत्री सुनील डागर, अजीत जैदी, निमेश शुक्ला आदि ने मांग जनप्रतिनिधियों ओर प्रशासन से हकी है।