उज्जैन महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर 28 घंटे तक उपवास पर रहे। उपवास की पूर्णाहुति पर उन्हें सप्तधान का महाभोग लगाया। वर्ष में एक बार दोपहर में भस्म आरती की गई। भक्तों ने 44 घंटे तक लगातार दर्शन लाभ लिए। मंगलवार शाम 4 बजे से पंचमुखारबिंद के दर्शन होंगे। भस्म आरती में पं. प्रदीप गुरु, रमण गुरु, पं. आशीष गुरु सहित बड़ी संख्या में पंडे-पुजारी और परिजन ने सहभागिता की। सुबह 4 बजे तक महापूजा, सप्ताधान अर्पित किए महाशिवरात्रि पर्व पर रात 11 बजे से भगवान महाकाल का महाभिषेक हुआ। अभिषेक के दौरान दूध 101 किलो, दही 31 किलो, खांडसारी (शक्कर) 21. किलो, शहद 21 किलो, घी 15 किलो, पांच प्रकार के फलों का रस 2-2 किलो, गन्ने का रस 11 किलो, गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि सामग्री के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने के पश्चात भगवान को नए वस्त्र धारण कराए गए। शिवरात्रि की रात्रि पूजन में 108 किलो सप्तधान शामिल थे। इनमें 31 किलो चावल, मूंग खड़ा 11 किलो, तिल 11 किलो, मसूर खड़ा 11 किलो, गेहूं 11 किलो, जौ 11 किलो, साल 11 किलो, उड़द खडा 11 किलो अर्पण किए। इसके बाद सेहरा बांधा व भोग के लिए पंचमेवा 1-1 किलो एवं पंच मिष्ठान कुल 7 किलो 500 ग्राम, पांच प्रकार के फल अर्पित किए। शिव नवरात्रि के 9 दिन नारदीय कीर्तन करने वाले पं. रमेश कानड़कर का सम्मान किया। मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मंदिर के पंडे, पुजारियों को भोजन करवाया।
2023-02-20