तंत्र साधना का केंद्र है माता मंदिर मां बगलामुखी नलखेड़ा • विजय-सफलता के लिए होते हैं अनुष्ठान

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तंत्र साधना का केंद्र है माता मंदिर मां बगलामुखी नलखेड़ा • विजय-सफलता के लिए होते हैं अनुष्ठान
उज्जैन के पास आगर जिले में नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी माता देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां विजय और सफलता के लिए तांत्रिक अनुष्ठान की मान्यता रही है। यही कारण है कि राजनेता से लेकर अभिनेता, अधिकारी और उद्योग व्यापार से जुड़ी कई हस्तियां यहां पूजन के लिए आती रही हैं। नवरात्रि में दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। लखुंदर नदी के किनारे देवी का विशाल मंदिर है। परिसर में श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं। मान्यता है कि यह मंदिर महाभारत कालीन है। कृष्ण की प्रेरणा से पांड़वों ने यहां महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए साधना की थी। इस मंदिर में देवी की तीन मुखी प्रतिमा है। मान्यता है मध्य में मां बगलामुखी, दाएं मां लक्ष्मी तथा बाएं मां सरस्वती हैं। माना जाता है इस तरह का मंदिर देश में दूसरा नहीं है। मंदिर परिसर में अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमाएं हैं। पूजन परंपरा देवी को पूजा में हल्दी और पीले रंग की पूजन सामग्री चढ़ाई जाती है। देवी को खड़ी हल्दी और हल्दी पाउडर चढ़ाया जाता है। देवी की सात्विक पूजा की जाती है। मां बगलामुखी की तंत्र साधना का विशेष महत्व है। नवरात्रियों में यहां कई साधक साधना सिद्धि के लिए आते हैं। व्यवस्थापक तहसीलदार पारस वैश्य के अनुसार इस नवरात्रि में श्रद्धालुओं के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। ऐसे पहुंचे यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा इंदौर है। निजी वाहन से भी पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक सड़क मार्ग है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर से यात्री बस आदि उपलब्ध है। जिला मुख्यालय आगर से 35 किमी दूर है।

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