अखिल भारतीय श्रावण महोत्स व में आज हुआ सांस्कृतिक शिवाभिषेक* *देश के विख्यात कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से की शिव स्तुति* *अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव में सुश्री रागिनी देवले, उज्जैन के शास्त्रीय गायन, श्री सौगात गांगुली, कोलकाता के सरोज वादन के साथ विख्यात नृत्यकार श्री त्रिभुवन महाराज के साथ श्रीमती रजनी महाराज के कथक और भरतनाट्यम से सजी श्रावण महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या

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अखिल भारतीय श्रावण महोत्स व में आज हुआ सांस्कृतिक शिवाभिषेक*
देश के विख्यात कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से की शिव स्तुति
अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव में सुश्री रागिनी देवले, उज्जैन के शास्त्रीय गायन, श्री सौगात गांगुली, कोलकाता के सरोज वादन के साथ विख्यात नृत्यकार श्री त्रिभुवन महाराज के साथ श्रीमती रजनी महाराज के कथक और भरतनाट्यम से सजी श्रावण महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या

उज्जैन 07 अगस्त, 2022। श्री महाकालेश्वकर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैेन के गौरवशाली आयोजन 17वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2022 आज शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से भगवान श्री महाकालेश्वर की आराधना में देश के विख्यात कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई |
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित 17 वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव आज चौथी सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ | आयोजन में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश उज्जैन श्री राजेंद्र कुमार वाणी, मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़, द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया |
दीप प्रज्वलन के उपरान्त प्रस्तुति देने वाले कलाकारों का अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया | इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के.तिवारी आदि उपस्थित थे।
श्रावण महोत्सव की प्रथम प्रस्तुति का प्रारंभ उज्जैन की सुश्री रागिनी देवले के शास्त्रीय गायन से हुआ | रागिनी की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया | रागिनी देवले ने अपने गायन में राग- यमन, विलंबित रूपक ताल,बंदिश – एरी मन माने ना, मध्यलय त्रितालके साथ बंदिश – दर्शन देवो शंकर महादेव….. की प्रस्तुति दी | प्रस्तुति का समापन राग पहाड़ी में एक कजरी – रंग रसिया रे आयी सावन की बहार…. से किया। संगतकारों में हारमोनियम पर डॉ. विवेक बंसोड, तबले पर श्री पवन सेम तथा तानपुरे पर श्री सक्षम देवले के साथ दिया
समारोह की दूसरी प्रस्तुति में कोलकाता के ख्यात संतूर वादक श्री सौगात गांगुली ने सरोद वादन से भगवान् महाकाल की वंदना की | सौगात ने अपने सरोद वादन में राग चंद्रनंदन के आलाप, जोड, झाला की प्रस्तुति के बाद तीनताल, विलंबित गत, मध्यलय गत, ध्रुत तीनताल गत के साथ झाला की प्रस्तुति दी | संगतकार में तबले पर श्री पार्थ प्रतिम दास ने साथ दिया |
इसके बाद समारोह की तीसरी और अंतिम प्रस्तुति कथक और भरतनाट्यम के अद्भुत संयोग के साथ भगवान् शिव के नटराज स्वरुप की आराधना के नाम रही | उनकी संस्था
कथाकनाट्यम (कथक व भरतनाट्यम) के अंतर्गत
नृत्यशिरोमणि पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज के पोते एवं प्रख्यात कथक नृत्यकार पं.जय किशन महाराज के पुत्र श्री त्रिभुवन महाराज एवं उनकी पुत्रवधु श्रीमती रजनी महाराज के कथक नृत्य और भरतनाट्यम के संयोग श्रावण महोत्सव की संध्या में शिव रसवर्षा से दर्शक भावविभोर हो गए |
प्रस्तुति के प्रारंभ में दोनों कलाकारों द्वारा शिवपंचाक्षर स्तोत्र नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय….की प्रस्तुति दी।
उसके बाद अपनी प्रस्तुति में श्री त्रिभुवन महाराज ने सर्वप्रथम गणेश परण के बाद लखनऊ घराने की परण, आमद, आंगिक उठान, उपज और तिहाई के साथ शुरुआत की | इसके बाद श्रीमती रजनी महाराज ने श्री गोपाल कृष्ण भारतीयार द्वारा अट्टताल राग वसंत में रचित “नटनम आडीनार” की अद्भुत प्रस्तुति दी | इस नृत्य में शिव के नटराज स्वरुप का वर्णन किया गया है। प्रस्तुति का समापन दोनो के नृत्य जुगलबंदी से हुआ।
इनके साथ प्रख्यात नृत्य गुरू पंडित जय किशन महाराज जी संचालन एवं बोल पढंत पर, श्री ए.एल गोवन गोविंदराजन द्वारा गायन एवं नटवान्गम, श्री जयन पुरुषोत्तम दास द्वारा मृदंगम, श्री राहुल विश्वकर्मा द्वारा तबला, श्री श्याम रस्तोगी द्वारा सितार, श्री जयवर्धन दधीच द्वारा गायन और हारमोनियम तथा श्री अज़हर शकील द्वारा वायलिन पर संगत की गई |
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि, अगली प्रस्तुति में दिनांक 14 अगस्त, 2022 रविवार को श्री धनञ्जय हेगड़े, मुंबई के शास्त्रीय गायन, श्री ऐश्वर्य आर्य, जयपुर के पखावज वादन और सुश्री परिधि नीमा लोखण्डे के कथक नृत्य से साथ अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव की पांचवी संध्या आयोजित होगी |
मंच संचालन श्री अपूर्व पौराणिक ने किया।

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