एक- सवा लाख की संख्या में देश विदेश से आए भक्त गणों को बाबा उमाकांत जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा पर्व पर गुरु पूजन के साथ अपने सत्संग में नाम योग साधना के बारे में बताया और सुरती को शब्द के साथ जोड़ने का भी अभ्यास करवाया। उन्होंने कहा कि जीवन का कोई भरोसा नहीं पता नहीं कब सांसों की पूंजी खत्म हो जाए और शरीर छूट जाए इसलिए ये आत्मा को जगा कर निज घर पहुंचने का अच्छा अवसर है। पूरे कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों के 32 भंडारों समेत विशेष तपस्वी भंडारा चलाया गया। जिसमें केवल सात्विक भोजन प्रेमियों को खिलाया गया। आप भी सुनिए इस गुरु पूर्णिमा के आयोजन में लोगों को अबकी बार कौनसा विशेष लाभ मिला है, स्वयं गुरुजी के श्रीमुख से।
2025-07-10